Fukushima nuclear disaster: 13 लाख टन रेडियोएक्टिव पानी जापान 24 अगस्त को समुद्र में बहाएगा, क्यों हो रहा इसका विरोध

Fukushima nuclear disaster
prabhasakshi
अभिनय आकाश । Aug 22 2023 3:42PM

जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने एक कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि यदि मौसम और समुद्र की स्थिति उपयुक्त रही तो अधिकारी संयंत्र के संचालक से 24 अगस्त को शुरू होने वाले निपटान के लिए तुरंत तैयारी करेंगे।

जापान अपने पड़ोसियों के विरोध के बावजूद सुनामी प्रभावित फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से उपचारित रेडियोधर्मी पानी 24 अगस्त को प्रशांत महासागर में छोड़ना शुरू कर देगा। यह निर्णय संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था द्वारा योजना को मंजूरी दिए जाने के कुछ सप्ताह बाद आया है। पानी को फ़िल्टर और पतला करने के बाद 30 वर्षों में छोड़ा जाएगा। जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने एक कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि यदि मौसम और समुद्र की स्थिति उपयुक्त रही तो अधिकारी संयंत्र के संचालक से 24 अगस्त को शुरू होने वाले निपटान के लिए तुरंत तैयारी करेंगे। किशिदा ने रविवार को ही संयंत्र का दौरा किया था, जिसके बाद से ही पानी छोड़े जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं।

इसे भी पढ़ें: जापान के प्रधानमंत्री Fumio Kishida ने फुकुशिमा संयंत्र का दौरा किया

सरकार ने कहा है कि संयंत्र को बंद करने की लंबी और महंगी प्रक्रिया में पानी छोड़ना एक आवश्यक कदम है, जो देश के पूर्वी तट पर, राजधानी टोक्यो से लगभग 220 किमी (137 मील) उत्तर-पूर्व में स्थित है। जापान एक दशक से भी अधिक समय से दूषित पानी को टैंकों में एकत्रित और संग्रहित कर रहा है, लेकिन जगह ख़त्म होती जा रही है।

रेडियोएक्टिव कचरे को प्रशांत महासागर में फेंकना चाहती है जापान सरकार 

जापान की सरकार फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रेडियोएक्टिव कचरे को प्रशांत महासागर में फेंकना चाहती थी। लेकिन लोगों के विरोध की वजह से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा था। इस मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय ईकाई (आईएईए) ने जांच शुरू की। दो साल की जांच के बाद अब इस एजेंसी ने जापान की सरकार को रेडियोएक्टिव कचरा फेंकने की इजाजत दे दी।

इसे भी पढ़ें: अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने सुरक्षा संकल्प पर सहमति जताई

वेस्ट वॉटर आ कहां से रहे हैं?

2011 में 9.0 तीव्रता के भूकंप के कारण सुनामी आई, जिससे फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र के तीन रिएक्टरों में पानी भर गया। सुनामी ने परमाणु संयंत्र में बिजली और शीतलन प्रणालियों को नुकसान पहुँचाया। यह चॉर्नोबिल विस्फोट के बाद दुनिया की सबसे खराब परमाणु आपदा बन गई। अल जज़ीरा के अनुसार, अधिकांश पानी नष्ट हुए तीन रिएक्टरों को ठंडा करने से आता है। बाकी हिस्सा दूषित स्थल पर हुई बारिश और भूजल से है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, परमाणु संयंत्र हर दिन 100 क्यूबिक मीटर वेस्ट वॉटर पैदा करता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़