जापान में 6.8 तीव्रता का भूकंप, इवाते प्रांत के लिए सुनामी अलर्ट जारी

जापान में 6.8 तीव्रता के भूकंप के बाद इवाते प्रांत के लिए सुनामी अलर्ट जारी किया गया है, जिसकी पुष्टि भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने 6.6 तीव्रता के साथ की है। चार प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के संगम पर स्थित जापान में यह भूकंपीय गतिविधि सामान्य है, पर जापान मौसम विज्ञान एजेंसी की चेतावनी के बाद हाई अलर्ट पर निगरानी जारी है।
जापान में रविवार शाम को समुद्र में आए तेज झटकों के बाद इवाते प्रांत के लिए सुनामी अलर्ट जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार शाम करीब 5:03 बजे उत्तरी प्रशांत महासागर क्षेत्र में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने चेतावनी जारी की है।
मौजूद जानकारी के अनुसार, यह भूकंप इवाते के तट से दूर समुद्र में आया था और इसके बाद एक मीटर तक ऊंची लहरों वाली सुनामी आने की आशंका जताई गई है। हालांकि, राष्ट्रीय प्रसारक एनएचके के अनुसार, तटीय इलाकों में समुद्र की लहरों में हलचल देखी गई है, लेकिन टीवी फुटेज में समुद्र सामान्य दिखाई दे रहा है। फिर भी, प्रशासन ने लोगों से समुद्र किनारे जाने से बचने की अपील की है।
भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने भी इस भूकंप की पुष्टि की है। NCS के अनुसार, यह भूकंप 6.6 तीव्रता का था और करीब 30 किलोमीटर की गहराई में दर्ज किया गया। इसका केंद्र 39.51° उत्तर अक्षांश और 143.38° पूर्व देशांतर पर उत्तर प्रशांत महासागर में स्थित बताया गया है।
गौरतलब है कि जापान दुनिया के सबसे भूकंप-संवेदनशील देशों में से एक है, क्योंकि यह चार प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के संगम पर स्थित है। यहां हर साल करीब 1,500 भूकंप आते हैं, जिनमें से ज्यादातर हल्के झटके होते हैं, लेकिन कुछ भूकंप बड़ी तबाही मचा देते हैं।
बता दें कि इसी क्षेत्र में 2011 में भी 9.0 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जिसने सुनामी को जन्म दिया था। उस आपदा में करीब 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए थे और फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के तीन रिएक्टरों में मेल्टडाउन हो गया था। यह जापान की अब तक की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक मानी जाती है और दुनिया की सबसे गंभीर परमाणु दुर्घटनाओं में शामिल है।
फिलहाल, प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है। राहत एजेंसियां संभावित नुकसान का आकलन कर रही हैं और इवाते तट के आसपास निगरानी बढ़ा दी गई है। स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
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