Bangladesh की GDP मचा भूचाल, भारत के आगे जोड़ेगा हाथ

Bangladesh
AI Image/ani
अभिनय आकाश । Dec 23 2025 11:54AM

बांग्लादेश जिसे भारत ने 1971 में पाकिस्तान के अत्याचारों से मुक्त कराया था। लेकिन आज हालात इतने बदल चुके हैं कि सवाल उठने लगे कि क्या बांग्लादेश अपनी ही पहचान खोता जा रहा और क्या वो एक बार फिर उसी रास्ते पर बढ़ रहा जिस पर पाकिस्तान पहले ही फिसल चुका है।

इतिहास गवाह है कि जब किसी देश की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाती है तो सबसे पहले इंसानियत घायल होती है। आज वही कहावत बांग्लादेश पर बिल्कुल सटीक बैठती है। वही बांग्लादेश जिसकी आजादी के लिए भारतीय सैनिकों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी। वही बांग्लादेश जिसे भारत ने 1971 में पाकिस्तान के अत्याचारों से मुक्त कराया था। लेकिन आज हालात इतने बदल चुके हैं कि सवाल उठने लगे कि क्या बांग्लादेश अपनी ही पहचान खोता जा रहा और क्या वो एक बार फिर उसी रास्ते पर बढ़ रहा जिस पर पाकिस्तान पहले ही फिसल चुका है।

इसे भी पढ़ें: Bangladesh में उथल-पुथल के बीच ISI ने बनाई खतरनाक योजना! भारत में लाखों लोगों को धकेलने की तैयारी

एक साल पहले बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ। लोगों को लगा कि यह बदलाव नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है। भ्रष्टाचार खत्म होगा। अर्थव्यवस्था संभलेगी। आम आदमी की जिंदगी बेहतर होगी। लेकिन आज ठीक 1 साल बाद तस्वीर बिल्कुल उलट है। सवाल यह नहीं कि बांग्लादेश आगे क्यों नहीं बढ़ रहा? सवाल तो यह है कि बांग्लादेश इतनी तेजी से पीछे कैसे चला गया? दरअसल इस पूरे संकट के केंद्र में एक नाम सबसे ज्यादा लिया जा रहा मोहम्मद यूनुस। जब से यूनुस सरकार सत्ता में आई है तब से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था लगातार कमजोर होती चली गई। जीडीपी ग्रोथ रेट गिरती चली गई।

इसे भी पढ़ें: Bangladesh Visa Suspended: बांग्लादेश ने लिया बड़ा एक्शन, भारत में किया वीज़ा सेवा सस्पेंड

विदेशी निवेश लगभग ठप हो गए। स्टार्टअप और इंडस्ट्री का भरोसा टूट गया और आखिरकार बांग्लादेश को आईएमएफ के दरवाजे पर जाना पड़ा। आईएमएफ से बेल आउट लेना इस बात का साफ संकेत है कि देश अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा। आंकड़े डराने वाले हैं। बांग्लादेश का कुल कर्ज तेजी से बढ़ रहा। सरकार की कमाई घट गई है। खर्च लगातार बढ़ता जा रहा। सिर्फ ब्याज चुकाने में ही बजट का बड़ा हिस्सा चला जाता है। नतीजा यह है कि स्कूलों के लिए पैसा कम है। अस्पतालों के लिए संसाधन नहीं है। रोजगार सृजन ठप हो गया है और आम जनता महंगाई की आग में झुलसती दिख रही है।

इसे भी पढ़ें: हिंसा की आग में झुलस रहे बांग्लादेश से कैसे बढ़ रही हैं भारत के लिए चुनौतियां? 10 बड़े घटनाक्रम पर एक नजर

बांग्लादेश में खाने-पीने की चीजें महंगी है। ईंधन महंगा है। रोजमर्रा का सामान आम आदमी की पहुंच से बाहर है। करेंसी कमजोर हुई तो आयात और महंगा हो गया। आमदनी वही की वही है। लेकिन खर्च हर महीने बढ़ गया। गरीबी एक बार फिर से लौटती दिख रही है बांग्लादेश में। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की रीड माने जाने वाला टेक्सटाइल सेक्टर आज बुरे हालात में है। 

All the updates here:

अन्य न्यूज़