विदेशी ब्रांड और जूतों की कंपनियों पर क्यों गुस्सा हो रहा चीन? उइगर मुस्लिम के कारण बढ़ा विवाद

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चीन ने शिनजियांग मुद्दे के जिक्र पर कपड़ों और जूतों की विदेशी कंपनियों की निन्दा की है।बृहस्पतिवार को पार्टी के समाचारपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ने कहा कि अन्य कंपनियों-बारबेरी, एडिडास, नाइक और न्यू बैलेंस ने भी दो वर्ष पूर्व शिनजियांग के कपास को लेकर ‘‘प्रतिकूल टिप्पणियां’’ की थीं।

बीजिंग।चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने शिनजियांग में मानवाधिकार उल्लंघन का जिक्र करने पर विदेशी ब्रांड ‘एच एंड एम’ तथा कपड़े और जूतों की अन्य कंपनियों की निन्दा की है। दरअसल पार्टी की यूथ लीग ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया एकांउट पर ‘एच एंड एम’ के मार्च 2020 के एक बयान का जिक्र किया जिसमेंकहा गया था कि वह शिनजियांग में उगाया गया कपास नहीं खरीदेगा। स्वीडन के इस ब्रांड ने कहा था कि वह शिनजियांग क्षेत्र में जबरन मजदूरी कराए जाने की खबरों से ‘‘बेहद चिंतित’’ है। बृहस्पतिवार को पार्टी के समाचारपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ने कहा कि अन्य कंपनियों-बारबेरी, एडिडास, नाइक और न्यू बैलेंस ने भी दो वर्ष पूर्व शिनजियांग के कपास को लेकर ‘‘प्रतिकूल टिप्पणियां’’ की थीं।

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मशहूर गायक और अभिनेता वांग सिबो सहित अन्य हस्तियों ने भी ‘एच एंड एम’ तथा नाइकी के साथ विज्ञापन अनुबंध समाप्त करने के घोषणा की थी। विदेशी विश्लेषकों और सरकारों के अनुसार चीन के शिनजियांग प्रांत में दस लाख से अधिक लोगों को कामकाजी शिविरों में कैद कर रखा गया है और उनसे जबरन काम कराया जाया है। इनमें से ज्यादातर लोग उइगर मुस्लिम जातीय समूह से हैं। सोमवार को यूरोपीय संघ, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने संयुक्त रूप से चीन के चार वरिष्ठ अधिकारियों पर यात्रा प्रतिबंध और वित्तीय प्रबिबंध लगाने की घोषणा की थी। चीन के सरकारी टेलीविजन पर बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा गया,‘‘एच एंड एम कैसे चीनी चावल खाकर उस बर्तन को तोड़ सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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