ईरानी सुप्रीम लीडर के इस दांव के आगे मोसाद की भी नहीं चल सकी, कैसे इजरायल के Assassination Plan से खुद को बचाया?

खामनेई ने एक सीक्रेट ठिकाने पर शरण लेकर खुद को बचाया। बताया जाता है कि युद्ध शुरू होने के बाद खामेनेई का ऐसी लोकेशन पर शिफ्ट हो गए थे, जिसे इजरायली तलाश नहीं सका। युद्धविराम के बाद खामेनेई ने टेलीविजन पर कहा कि ईरान कभी भी अमेरिका और इजरायल के सामने नहीं झुकेगा।
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने कहा है कि हाल ही में 12 दिनों के संघर्ष के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई हाई टारगेट पर थे। लेकिन भूमिगत होकर उन्होंने हत्या से बचा लिया और यदि संभव होता तो वे उन्हें मार गिराते। लेकिन खामनेई ने एक सीक्रेट ठिकाने पर शरण लेकर खुद को बचाया। बताया जाता है कि युद्ध शुरू होने के बाद खामेनेई का ऐसी लोकेशन पर शिफ्ट हो गए थे, जिसे इजरायली तलाश नहीं सका। युद्धविराम के बाद खामेनेई ने टेलीविजन पर कहा कि ईरान कभी भी अमेरिका और इजरायल के सामने नहीं झुकेगा।
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मोसाद भी नहीं कर पाया ट्रेस
इजरायल के ईरान पर हमले शुरू होने के बाद अली खामेनेई तेहरान के पूर्वोत्तर उपनगर में एक बंकर में छिप गए थे। इस दौरान उन्होंने अपने कमांडरों के साथ सभी इलेक्ट्रॉनिक संचार बंद कर दिए थे। सुरक्षाकर्मी, नजदीकी लोगों और परिवार को ही उनकी लोकेशन की जानकारी थी। फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बंद होने से उनकी लोकेशन को ट्रेस करना तकरीबन नामुमकिन काम था। ऐसे में इजरायल उनको नहीं तलाश सका।
युद्ध के दौरान खामनेई की तलाश की जा रही थी
कई इज़रायली चैनलों पर साक्षात्कार मेंकैट्ज़ ने दोहराया कि इज़रायल ने पूरे युद्ध के दौरान खमेनेई की सक्रिय रूप से तलाश की। चैनल 13 पर उन्होंने कहा कि हमने बहुत खोज की। उन्होंने आगे कहा कि इज़रायल का उद्देश्य शासन परिवर्तन नहीं था, बल्कि ईरान के नेतृत्व को अस्थिर करना और संघर्ष के दौरान दबाव डालना था।
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हवाई हमलों में टॉप जनरलों को बनाया गया निशाना
13 जून को शुरू हुआ संघर्ष 25 जून को अमेरिका द्वारा मध्यस्थता किए गए युद्ध विराम के साथ समाप्त हुआ। इसमें व्यापक इज़रायली हवाई हमले शामिल थे। इन हमलों में कई शीर्ष ईरानी कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। कैट्ज़ ने उल्लेख किया कि इज़राइल ने हवाई श्रेष्ठता बनाए रखी और ईरान के खिलाफ़ प्रवर्तन कार्रवाई की नीति लागू की, जिसका उद्देश्य देश की परमाणु और मिसाइल क्षमताओं के पुनर्निर्माण के प्रयासों को रोकना था।
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