Australia के पूर्व प्रधानमंत्री कीटिंग ने पनडुब्बी सौदे को इतिहास का सबसे खराब सौदा बताया

Keating
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कीटिंग ने नेशनल प्रेस क्लब के समारोह में कहा कि पनडुब्बियों से सैन्य उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘चीनी केवल ऑस्ट्रेलिया की धरती पर हमला कर सकते हैं या उसे इसकी धमकी दे सकते हैं।’’

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री पॉल कीटिंग ने अमेरिका से परमाणु संचालित पनडुब्बियों को खरीदकर अपने देश के बेड़े के आधुनिकीकरण की योजना की बुधवार को निंदा की और कहा ‘‘यह इतिहास का सबसे खराब सौदा होगा।’’ कीटिंग ने नेशनल प्रेस क्लब के समारोह में कहा कि पनडुब्बियों से सैन्य उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘चीनी केवल ऑस्ट्रेलिया की धरती पर हमला कर सकते हैं या उसे इसकी धमकी दे सकते हैं।’’

कीटिंग ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया किसी भी चीनी बेड़े को विमानों और मिसाइलों से डुबो देगा। उन्होंने कहा कि अगर हम अमेरिका से आठ पनडुब्बी खरीदते हैं तो तीन समुद्र में होंगी। कीटिंग ने कहा, ‘‘क्या तीनों वास्तव में चीन की ताकत से हमें बचा पाएंगी? ये बकवास है।’’ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सोमवार को सैन डियेगो में ऑस्ट्रेलिया के इस सौदे की घोषणा की थी। हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन के सैन्य निर्माण और दबदबे को लेकर बढ़ती चिंता के बीच यह समझौता हुआ है।

बाइडन ने इस बात पर जोर दिया कि पनडुब्बियों में किसी तरह का परमाणु आयुध नहीं होगा। ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से क्षेत्र में सबसे बड़े परंपरागत सैन्य निर्माण से निपटने के लिए सौदा जरूरी है। चीन ने कहा कि मंगलवार को अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ‘अपनेभू राजनीतिक हित के लिए गलत रास्ते पर और आगे निकल गया है।

उसने इस करार को ‘ऑकस संधि करार दिया। चीन ने इस संधि पर बुधवार को आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि तीनों देशों ने समझौते का समर्थन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) को ‘मजबूर’ किया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने दैनिक मीडिया संबोधन में कहा, ‘‘चीन आईएईए के सभी सदस्यों से आह्वान करता है कि वे अंतर सरकारी प्रक्रिया को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करें ताकि अमेरिका-ब्रिटेन-ऑस्ट्रेलिया परमाणु पनडुब्बी सहयोग से सुरक्षा का समाधान निकल सके।’’ गौरतलब है कि कीटिंग 1990 के दशक में चार साल से अधिक समय तक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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