आइसलैंड ने संसद में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को किया नियुक्त, ऐसा करने वाला बना यूरोप का पहला देश
रविवार को आइसलैंड देश में आम चुनावों के एक दिन बाद अपनी संसद में पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाओं को रखने वाला यूरोप का पहला देश बन गया है।
इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने गृहक्षेत्र में कार्यकर्ताओं को दिए चुनावी जीत के टिप्स
विश्व बैंक द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार यूरोप के अन्य किसी भी देश में पचास परसेंट से अधिक महिला सांसद नहीं हैं। स्वीडन में यह संख्या 47% के करीब है। दुनिया भर में वर्तमान में पांच ऐसे देश हैं, जहां देश की संसद में महिलाओं के पास कम से कम आधी सीटें हैं। इन देशों में रवांडा, क्यूबा, मैक्सिको, निकारागुआ और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें: Dubai Expo 2020 में भारतीय पवेलियन का उद्घाटन, PM मोदी बोले- आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए किए कई सुधार
हालांकि आइसलैंड के पास कुछ अन्य देशों के विपरीत संसद में महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर कोई कानूनी कोटा नहीं है। यह देश लगातार लंबे समय से जेंडर इक्वलिटी और महिलाओं के अधिकारों में अग्रणी रहा है। आइसलैंड पिछले लगभग 12 वर्षों से वर्ल्ड इकोनामिक फोरम की सबसे समतावादी देशों की सूची में शीर्ष पर है। इसी के साथ आइसलैंड 1980 में किसी महिला को राष्ट्रपति के रूप में चुनने वाला पहला देश बन गया था।
देश की सबसे बड़ी तीन पार्टियां कंजरवेटिव इंडिपेंडेंस पार्टी, लेफ्ट ग्रीन मूवमेंट और सेंटर राइट प्रोग्रेसिव पार्टी ने मिलकर संसद में 63 में से 37 सीटों पर जीत हासिल की है।चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी इंडिपेंडेंस पार्टी रही, जिसने लगभग एक चौथाई वोट जीते हैं लेकिन चुनाव का सबसे बड़ा विजेता केंद्र दक्षिणपंथी प्रोग्रेसिव पार्टी थी ,जिसने 5 सीटों पर 13 सीटें हासिल की हैं।
रविवार को प्रोग्रेसिव पार्टी के नेता शिगुरदूर इंगी जोहानसन और इंडिपेंडेंस पार्टी के नेता बेनेडिक्टसन ने मतदाताओं की मजबूत समर्थन का हवाला देते हुए कहा कि- वे गठबंधन की निरंतरता पर चर्चा करने के लिए तैयार है। जबकि प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटीर के बांए दाएं गठबंधन ने बहुमत हासिल किया है।
अब यह देखना बाकी है कि क्या तीनों दल एक साथ शासन जारी रखेंगे।
अन्य न्यूज़