मानवीय संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव लाये जाने पर भारत अनुपस्थित रहा
युद्ध के कारण यूक्रेन में उत्पन्न मानवीय संकट की स्थिति को लेकर पूर्वी यूरोपीय देश (यूक्रेन) और उसके सहयोगी देशों द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर भारत बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अनुपस्थित रहा।
संयुक्त राष्ट्र। युद्ध के कारण यूक्रेन में उत्पन्न मानवीय संकट की स्थिति को लेकर पूर्वी यूरोपीय देश (यूक्रेन) और उसके सहयोगी देशों द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर भारत बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अनुपस्थित रहा। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा ने यूक्रेन पर अपना 11वां आपातकालीन विशेष सत्र फिर से शुरू किया और यूक्रेन तथा उसके सहयोगी पश्चिमी देशों ने ‘यूक्रेन पर आक्रमण के मानवीय परिणाम’ के मसौदा प्रस्ताव पर बृहस्पतिवार को मतदान किया। इस प्रस्ताव को 140 मतों के साथ मंजूर किया गया।
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वहीं, 38 देश अनुपस्थित रहे और पांच सदस्य देशों ने प्रस्ताव का विरोध किया। बुधवार को भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 12 अन्य सदस्यों के साथ यूक्रेन में मानवीय संकट पर रूस द्वारा एक प्रस्ताव लाये जाने पर अनुपस्थित रहा था।
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यूएनएससी प्रस्ताव पारित करने में विफल रहा क्योंकि उसे इसके लिए आवश्यक नौ मत नहीं मिल सके। यूक्रेन में रूसी आक्रमण पर भारत इससे पहले, सुरक्षा परिषद में दो मौकों पर और महासभा में एक बार प्रस्तावों पर मतदान से अनुपस्थित रहा था।
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