जानिए जापान की Iron Lady साने ताकाइची के बारे में, जो बनीं देश की पहली महिला प्रधानमंत्री

Sanae Takaichi
प्रतिरूप फोटो
X
एकता । Oct 21 2025 7:22PM

जापान की नई प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने देश की कमान संभाली है, जो अपनी 'आयरन लेडी' छवि और मजबूत रूढ़िवादी नीतियों के लिए प्रसिद्ध हैं। वे आबेनॉमिक्स का समर्थन करती हैं, समलैंगिक विवाह का विरोध करती हैं और 'चीनी बाज' के रूप में चीन के प्रति सख्त रुख रखती हैं, जिससे जापान की रक्षा और विदेश नीति में दक्षिणपंथी झुकाव बढ़ेगा। उनके सामने बढ़ती महंगाई, क्षेत्रीय सुरक्षा और पार्टी के भीतर के घोटालों जैसी कई चुनौतियां हैं, जिन्हें हल करने के लिए उन्हें संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा।

जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व के लिए हुए मतदान में साने ताकाइची ने जीत हासिल कर ली है। इस जीत ने उन्हें इतिहास में जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में स्थापित कर दिया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद, मंगलवार को उन्होंने सम्राट नारुहितो से मुलाकात की, जिससे इतिहास में उनका स्थान और मजबूत हो गया है।

साने ताकाइची कौन हैं?

64 वर्षीय ताकाइची ने 1990 के दशक में जापान की सबसे बड़ी पार्टी, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य के रूप में राजनीति में कदम रखा। उनका जन्म मध्य जापान के नारा प्रांत में हुआ था और उन्होंने कोबे विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उनका पालन-पोषण एलडीपी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की तुलना में अधिक साधारण रहा है।

उन्हें दिवंगत प्रधानमंत्री शिंजो आबे की एक प्रमुख शिष्या के रूप में जाना जाता है। उन्होंने आबे के मंत्रिमंडल और पूर्व प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के मंत्रिमंडल में भी काम किया है।

इसे भी पढ़ें: H-1B वीजा शुल्क पर भारतीयों को बड़ी राहत, ट्रंप प्रशासन ने नियमों का किया खुलासा

उनकी राजनीति और विचार क्या हैं?

ताकाइची को उनके मजबूत रूढ़िवादी विचारों के कारण मीडिया में जापान की लौह महिला (Iron Lady) कहा जाता है। वह दिवंगत ब्रिटिश प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर की प्रशंसक हैं।

1. आर्थिक नीतियां: वह अपने गुरु शिंजो आबे की आबेनॉमिक्स, सरकारी खर्च बढ़ाना, आर्थिक नीति में नरमी लाना, और बड़े सुधार करनाजैसी आर्थिक नीतियों का समर्थन करती हैं।

2. सामाजिक और सुरक्षा मुद्दे: वह समलैंगिक विवाह का विरोध करती हैं। वह आव्रजन पर कड़ा रुख रखती हैं और इसे नियंत्रित करना चाहती हैं। उनका मानना है कि शाही उत्तराधिकार में पुरुषों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

3. विदेश नीति और चीन: उन्हें 'चीनी बाज' (China Hawk) के रूप में जाना जाता है। वह ताइवान जलडमरूमध्य में मजबूत सैन्य ताकत और मौजूदा स्थिति को बनाए रखने का समर्थन करती हैं। उन्होंने ताइपे के राजनीतिक दलों से मिलने के लिए कई यात्राएं भी की हैं, जिससे चीन अक्सर नाराज होता है।

4. विवादास्पद यात्राएं: उन्होंने पहले जापान के युद्ध मृतकों के स्मारक, यासुकुनी तीर्थस्थल का दौरा किया है। यह एक विवादास्पद स्थल है क्योंकि इसमें द्वितीय विश्व युद्ध के युद्ध अपराधियों को भी समाधिस्थ किया गया है।

इसे भी पढ़ें: जापान की नई PM ताकाइची को मोदी की बधाई, हिंद-प्रशांत में साझेदारी होगी और मजबूत

उनकी जीत का जापान के लिए क्या मतलब है?

विशेषज्ञों के अनुसार, ताकाइची की जीत का मतलब है कि जापान रूढ़िवादी शासन के रास्ते पर आगे बढ़ेगा और ज्यादा दक्षिणपंथी रुख अपना सकता है। वह जापान की रक्षा शक्ति को मजबूत करना चाहती हैं। हालांकि, जापान में रूढ़िवाद पश्चिमी देशों से थोड़ा अलग है। वह जापान की सामाजिक कल्याण प्रणाली को नहीं बदलेंगी, जिसका अर्थ है कि वह सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कार्यक्रमों को समर्थन देती रहेंगी।

एक विशेषज्ञ के अनुसार, ताकाइची 'सुरक्षा के मामले में मजबूती, चीन के मामले में मजबूती और अमेरिका-जापान के मजबूत रिश्ते' का प्रतीक हैं।

आगे की चुनौतियां

ताकाइची के लिए प्रधानमंत्री बनने का रास्ता आसान नहीं रहा है, और उन्हें कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वह पांच वर्षों में जापान की चौथी प्रधानमंत्री होंगी और तुलनात्मक रूप से कमजोर स्थिति से सत्ता संभालेंगी।

उन्हें जापान के जीवन-यापन के बढ़ते संकट, अमेरिकी व्यापार युद्धों के प्रभाव, और चीन व उत्तर कोरिया को लेकर सुरक्षा चिंताओं जैसी समस्याओं से निपटना होगा। उनकी पार्टी, एलडीपी, अभी भी एक बड़े भ्रष्टाचार घोटाले से उबर रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सत्ता में बने रहने के लिए, उन्हें अपने कुछ कठोर विचारों को नरम करना पड़ सकता है, नहीं तो उन्हें जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ सकता है।

All the updates here:

अन्य न्यूज़