नहीं सुधर रहा नेपाल! कालापानी को फिर से बताया अपने क्षेत्र का हिस्सा, क्या तीसरे देश की मांगी जाएगी मदद

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नेपाली भूगोलवेत्ता ने कालापानी के नेपाल का हिस्सा होने का दावा किया है।भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपने क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा बताते हैं। भारत इसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का और नेपाल धारचुला जिले का हिस्सा बताता है।श्रेष्ठ ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को संवाद के जरिए हल किया जाना चाहिए।

काठमांडू।प्रख्यात नेपाली भूगोलवेत्ता बुद्धि नारायण श्रेष्ठ ने अपनी नयी किताब में दावा किया है कि लिपुलेक, कालापानी और लिम्पियाधुरा समेत कुछ क्षेत्र नेपाल का हिस्सा हैं। भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपने क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा बताते हैं। भारत इसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का और नेपाल धारचुला जिले का हिस्सा बताता है।

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शुक्रवार को यहां ‘कलेक्शन ऑफ हिस्टॉरिकल बाउंड्री मैप्स रिलेटिड टू नेपाल’ नाम की किताब के विमोचनकार्यक्रम में श्रेष्ठ ने दावा किया कि लिपुलेक, कालापानी और लिम्पियाधुरा समेत काली नदी का पूर्व का हिस्सा नेपाल का हिस्सा है। श्रेष्ठ ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को संवाद के जरिए हल किया जाना चाहिए और अगर बातचीत से मामला नहीं सुलझ सकता तो फिर मध्यस्थता के लिए तीसरे देश की मदद मांगी जा सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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