हमास संग पाक की साजिश, भारत में क्या तगड़ा खेल करने वाले हैं नेतन्याहू, दुनिया में खलबली!

नेतन्याहू के बाद इजरायल के रक्षा मंत्री फरवरी के महीने में भारत में होंगे। उसके बाद इजरायली राष्ट्रपति आइजैक हार्गोस भी भारत आएंगे। ये सबकुछ ऐसे समय पर हो रहा है जब पाकिस्तान भारत और इजरायल दोनों के लिए खतरा बन रहा है। कई यूरोपीय देश फिलिस्तीन को मान्यता देकर इजरायल को अलग थलग कर चुके हैं। ऐसे में भारत के ताबड़तोड़ हाईप्रोफाइल दौरे सामान्य नहीं लग रहे हैं।
गाजा और पाकिस्तान में अचानक कुछ ऐसा हुआ है जिसकी वजह से भारत और इजरायल किसी न किसी बड़ी तैयारी में लगे हैं। इजरायली मीडिया ने दावा किया है उसे जानकर लोग उसकी गंभीरता और पैमाने का अंदाजा लगा सकते हैं। दावे के मुताबिक आने वाले कुछ वक्त में एक के बाद एक ताकतवर इजरायली नेता भारत आ रहे हैं। सबसे पहले नवंबर की शुरुआत में इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार भारत आएंगे। उसके बाद दिसंबर में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत में शेर की तरह घुसेंगे। नेतन्याहू के बाद इजरायल के रक्षा मंत्री फरवरी के महीने में भारत में होंगे। उसके बाद इजरायली राष्ट्रपति आइजैक हार्गोस भी भारत आएंगे। ये सबकुछ ऐसे समय पर हो रहा है जब पाकिस्तान भारत और इजरायल दोनों के लिए खतरा बन रहा है। कई यूरोपीय देश फिलिस्तीन को मान्यता देकर इजरायल को अलग थलग कर चुके हैं। ऐसे में भारत के ताबड़तोड़ हाईप्रोफाइल दौरे सामान्य नहीं लग रहे हैं।
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दरअसल, इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह पाकिस्तान और हमास है। खबर है कि हमास को अब पाकिस्तान में बसाया जा रहा है। पाकिस्तान हमास का नया अड्डा बन रहा है। ये इजरायल के साथ साथ भारत के लिए भी बहुत बड़ा खतरा है। इजरायल ने दो साल से ज्यादा चली जंग में हमास को खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। उसी हमास को बचाने के लिए अब कुछ समय के लिए गाजा से निकालकर पाकिस्तान में शिफ्ट किया जा रहा है। इसके पीछे अमेरिका समेत, कई मुस्लिम और पश्चिमी देश शामिल हो सकते हैं। यानी गाजा को जिंदा रखने के लिए पाकिस्तान की जमीन चुनी गई है।
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मिडिल ईस्ट फ़ोरम में मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट (एमईएमआरआई) की परियोजना निदेशक अन्ना महजर-बारदुची ने लिखा, अक्टूबर 2023 से पाकिस्तान में ज़हीर की उपस्थिति में नाटकीय रूप से विस्तार हुआ है, जिससे वह उन हाई-प्रोफाइल कार्यक्रमों में एक स्थायी सदस्य बन गए हैं जो फ़िलिस्तीन समर्थक बयानबाज़ी को जिहादी नेटवर्किंग के साथ मिलाते हैं। हमास के विशेष प्रतिनिधि के रूप में देश में रहते हुए, ज़हीर ने रैलियों को संबोधित किया है और पेशेवर संस्थाओं से प्रशंसा प्राप्त की है। इज़रायली नागरिकों पर हमास के हमले के ठीक एक हफ़्ते बाद, ज़हीर ने पेशावर में एक फ़िलिस्तीनी समर्थक रैली में यह टिप्पणी की, जिसमें हमास नेता खालिद मशाल ने वर्चुअल रूप से भाग लिया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मशाल ने कहा कि वह फ़िलिस्तीनी लोगों के लिए पाकिस्तान के समर्थन की सराहना करते हैं।
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कुछ ही हफ़्तों बाद, 2 नवंबर को ज़हीर ने कराची में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फ़ज़ल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फ़ज़लुर रहमान द्वारा आयोजित बारह दिवसीय विरोध प्रदर्शन 'तूफ़ान-ए-अक्सा सम्मेलन' में वर्चुअल रूप से भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान, तत्कालीन हमास नेता इस्माइल हनीया ने कहा था कि मैं पूरी मुस्लिम उम्माह को संबोधित करता हूँ। यह युद्ध सिर्फ़ फ़िलिस्तीन के लिए नहीं है; यह पूरी उम्माह के लिए है।
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