ईद-उल-फितर से पहले पाकिस्तान के नए पीएम शरीफ ने दी कैदियों को राहत, सजा में की दो महीने की छूट की घोषणा

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आतंकवाद रोधी अदालत ने सईद को आतंकवाद के वित्तपोषण के दो और मामलों में 32 साल कैद की सजा सुनाई थी। इससे पहले ऐसे पांच मामलों में 71 वर्षीय कट्टरपंथी मौलवी को आतंकवाद के वित्तपोषण के पांच मामलों में 36 साल कैद की सजा हो चुकी है। इस तरह कुल 68 साल कैद की सजा एक साथ चलेगी।

लाहौर। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ईद-उल-फितर से पहले कैदियों को सजा में दो महीने की छूट देने की घोषणा की है। हालांकि यह छूट मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद सहित आतंकवाद के मामलों के दोषियों पर लागू नहीं होगी। रविवार को यहां उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल के दौरे के दौरान शहबाज ने छूट की घोषणा की। वरिष्ठ अधिवक्ता वहीद शहजाद ने सोमवार को पीटीआई-से कहा, आतंकवाद के मामलों में दोषी ठहराए गए कैदियों के मामले में दो महीने की छूट लागू नहीं होगी।

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आठ अप्रैल को यहां की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने सईद को आतंकवाद के वित्तपोषण के दो और मामलों में 32 साल कैद की सजा सुनाई थी। इससे पहले ऐसे पांच मामलों में 71 वर्षीय कट्टरपंथी मौलवी को आतंकवाद के वित्तपोषण के पांच मामलों में 36 साल कैद की सजा हो चुकी है। इस तरह कुल 68 साल कैद की सजा एक साथ चलेगी। हालांकि, एक वकील ने पीटीआई-को बताया कि कोट लखपत जेल में अपनी सजा काट रहे सईद को ज्यादा साल जेल में नहीं बिताने पड़ेंगे क्योंकि उसकी सजा साथ-साथ चलेगी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है। उसे जुलाई 2019 में आतंकवाद के वित्तपोषण के मामलों में गिरफ्तार किया गया था। सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा लश्कर-ए-तैयबा का एक अग्रणी संगठन है 2008 के मुंबई हमले को अंजाम दिया था।

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मुंबई हमलों में 166 लोगों की जान गई थी। अमेरिकी वित्त विभाग ने सईद को विशिष्ट रूप से वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है। शहबाज ने जेल में उस बैरक का भी दौरा कियाजहां वह लगभग आठ महीने तक धनशोधन और आय से अधिक संपत्ति के मामले में बंद रहे थे। जेल में अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए70वर्षीय प्रधानमंत्री ने कहा कि जेलों में कैदियों के लिए शौचालय, कपड़े धोने और स्वास्थ्य सुविधाओं सहित बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। शहबाज ने देश में जेलों को संचालित करने वाली समग्र प्रणाली में सुधार करने के अलावा, कैदियों को बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करने के वास्ते गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह की अध्यक्षता में एक समिति के गठन का भी आदेश दिया। उन्होंने कहा, कौशल विकास संसाधनों का इस्तेमाल इस तरह किया जाना चाहिए कि कैदी जेल में अपना समय सकारात्मक तरीके से बिता सकें और अपनी सजा पूरी होने के बाद समाज में प्रभावी भूमिका निभा सकें। शहबाज शरीफ के बड़े भाई और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री 72 वर्षीय नवाज शरीफ भी 2019 में कोट लखपत जेल में बंद रह चुके हैं।बाद में उन्हें उस वर्ष 20नवंबर को इलाज के लिए ब्रिटेन जाने की अनुमति दी गई थी। अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में उन्हें सात साल कैद की सजा सुनाई गई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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