PM Modi ने अल्बनीज के साथ वार्ता में ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले का मुद्दा उठाया

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मोदी और अल्बनीज के बीच व्यापक वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने छात्रों, अकादमिक शोधकर्ताओं और व्यापारियों के लिए अवसरों को खोलने और अवैध प्रवासन को रोकने के लिए प्रवासन एवं गतिशीलता साझेदारी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए। दोनों नेता ऑस्ट्रेलिया-भारत हरित हाइड्रोजन कार्यबल के संदर्भ की शर्तों पर हस्ताक्षर किए जाने के गवाह भी बने।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ वार्ता में ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमलों की घटनाओं और खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताओं से उन्हें अवगत कराया। दोनों पक्षों ने इस वर्ष के अंत तक एक समग्र व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का लक्ष्य भी तय किया। मोदी और अल्बनीज के बीच व्यापक वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने छात्रों, अकादमिक शोधकर्ताओं और व्यापारियों के लिए अवसरों को खोलने और अवैध प्रवासन को रोकने के लिए प्रवासन एवं गतिशीलता साझेदारी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए। दोनों नेता ऑस्ट्रेलिया-भारत हरित हाइड्रोजन कार्यबल के संदर्भ की शर्तों पर हस्ताक्षर किए जाने के गवाह भी बने।

इससे स्वच्छ हाइड्रोजन के निर्माण और इसके उपयोग में तेजी लाने के अवसरों का पता लगाने में मदद मिलेगी। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि मोदी-अल्बनीज वार्ता हरित हाइड्रोजन, रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों, शिक्षा, दो अर्थव्यवस्थाओं की पूरकता और क्षमताओं तथा लोगों से लोगों के बीच संबंधों में सहयोग पर केंद्रित रही। प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को जारी एक बयान में कहा कि द्विपक्षीय संबंध ‘‘पारस्परिक विश्वास और सम्मान’’ पर आधारित हैं तथा ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच एक ‘‘जीवंत सेतु’’ है।

मोदी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री अल्बनीज और मैंने पहले भी ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले और अलगाववादी तत्वों की गतिविधियों से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की है। हमने आज भी इस पर बात की।’’ अल्बनीज की मौजूदगी में उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह कतई मंजूर नहीं है कि कोई भी अपने कृत्यों या विचारधारा से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैत्रीपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण संबंधों को ठेस पहुंचाए। मैं इससे निपटने के वास्ते अभी तक उठाए गए कदमों के लिए प्रधानमंत्री अल्बनीज का शुक्रिया अदा करता हूं। प्रधानमंत्री अल्बनीज ने आज मुझे एक बार फिर आश्वासन दिया है कि वह भविष्य में भी ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना जारी रखेंगे।’’

मंदिरों पर हमलों और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर क्वात्रा ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच संबंध बहुत मजबूत और व्यापक हैं तथा ऐसे तत्वों को संबंधों को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर एक सवाल के जवाब में, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि उनका देश एक बहुसांस्कृतिक लोकतंत्र है और नफरत एवं हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। क्वात्रा ने कहा कि मोदी और अल्बनीज ने यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति, क्वाड के तहत सहयोग, संयुक्त राष्ट्र में सुधार, प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ भारत और ऑस्ट्रेलिया के जुड़ाव तथा वैश्विक दक्षिण को लाभ पहुंचाने के लिए संभावित द्विपक्षीय सहयोग पर भी बात की।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा मुख्यत: इसके प्रभाव पर केंद्रित रही, खासकर आर्थिक पहलू पर। ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की दावेदारी का भी समर्थन किया। प्रधानमंत्री ने तेजी से बढ़ते भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का वर्णन करने के लिए क्रिकेट के फटाफट प्रारूप का उपयोग किया और कहा कि दोनों देशों के संबंध ‘टी-20’ में प्रवेश कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने मित्र प्रधानमंत्री अल्बनीज की भारत यात्रा के दो महीने के भीतर ऑस्ट्रेलिया आया हूं। पिछले एक साल में यह हमारी छठीं मुलाकात है। यह हमारे व्यापक संबंधों की गहराई, हमारे विचारों की प्रगति और हमारे संबंधों की परिपक्वता को दर्शाता है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘क्रिकेट की में कहें तो हमारे संबंध टी-20 प्रारूप में हैं। भारत-ऑस्ट्रेलिया मित्रता अत्यंत खास है।’’ उन्होंने इस साल के अंत में भारत में होने वाली क्रिकेट विश्व कप प्रतियोगिता के लिए अल्बनीज और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्रशंसकों को भारत आमंत्रित किया। अल्बनीज के साथ बातचीत को ‘‘सार्थक’’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने आने वाले दशक में ऑस्ट्रेलिया-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को ‘‘और अधिक ऊंचाइयों’’ पर ले जाने को लेकर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल, भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग तथा व्यापार समझौता लागू हुआ। आज हमने एक समग्र आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। इससे हमारी आर्थिक साझेदारी और मजबूत होगी तथा सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने खनन तथा महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में अपने रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर सार्थक चर्चा की। हमने सहयोग के लिए कारगर क्षेत्रों की पहचान की।’’ वहीं, अल्बनीज ने कहा कि लक्ष्य इस साल के अंत तक सीईसीए को अंतिम रूप देना है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस साल के अंत तक ऑस्ट्रेलिया-भारत समग्र आर्थिक सहयोग समझौते को शीघ्र निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए अपनी साझा महत्वाकांक्षा को दोहराया।’’ अल्बनीज ने कहा कि श्रम गतिशीलता समझौता उन लोगों के लिए 3,000 स्थानों का प्रावधान करता है जो काम के क्षेत्रों में ऑस्ट्रेलिया आने के लिए अत्यधिक दक्ष हैं।

मोदी ने कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध सिर्फ दोनों देशों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि ये क्षेत्रीय स्थिरता, शांति और वैश्विक कल्याण से भी जुड़े हैं। उन्होंने कहा, हमने खनन और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में अपने रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर रचनात्मक चर्चा की। हमने सहयोग के लिए और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में ठोस क्षेत्रों की पहचान की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने खुले, समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया। मोदी ने कहा, ‘‘भारत-ऑस्ट्रेलिया सहयोग वैश्विक दक्षिण के विकास के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। वसुधैव कुटुम्बकम की भारतीय परम्परा जो पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है, भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान केंद्रीय विषय है।’’ उन्होंने कहा, जी-20 में हमारी पहल को ऑस्ट्रेलिया के समर्थन के लिए मैं प्रधानमंत्री अल्बनीज को दिल से धन्यवाद देता हूं।

विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा मुख्यत: इसके प्रभाव पर केंद्रित थी, खासकर आर्थिक मोर्चे पर। अल्बनीज ने अपने मीडिया संबोधन में घोषणा की कि ऑस्ट्रेलियाई व्यवसायों को भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया बेंगलुरु में एक नया महावाणिज्य दूतावास खोलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें हमें निवेश करने की जरूरत है। भारत के साथ हमारी मजबूत साझेदारी व्यापार, निवेश, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिहाज से ऑस्ट्रेलिया के लिए फायदेमंद है।’’

हिरोशिमा में ‘क्वाड’ शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए अल्बनीज ने कहा कि समूह के नेता ‘‘एक खुले, स्थिर, सुरक्षित तथा समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए साथ खड़े हैं। एक ऐसा क्षेत्र जहां संप्रभुता का सम्मान किया जाए और क्षेत्रीय संतुलन से बड़े तथा छोटे सभी देशों का फायदा हो।’’ क्वाड एक चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद समूह है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच लगातार गहरे होते रिश्तों पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के पहले साल में मोदी से छह बार मिल चुका हूं। यह दिखाता है कि हम दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने को कितना महत्व देते हैं।’’

अल्बनीज ने कहा, ‘‘भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई समुदाय के योगदान के कारण ऑस्ट्रेलिया एक बेहतर स्थान है और हम अपने देशों के बीच अधिक गहरे संबंध देखना चाहते हैं।’’ अल्बनीज और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने घोषणा की कि ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंधों के लिए नए केंद्र का मुख्यालय पेरामेटा में होगा। केंद्र ने इस महीने संबंधित मुद्दे पर काम शुरू कर दिया, जिससे व्यापार, नीति एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया का जुड़ाव गहरा होगा और प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ सहयोग भी बढ़ेगा। वार्ता से पहले मोदी को सिडनी में औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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