नागासाकी पहुंचे पोप फ्रांसिस, परमाणु हथियारों की निंदा की
गौरतलब है कि जापान परमाणु हमले की विभीषिका झेलने वाला विश्व का अब तक का एकमात्र देश है। पोप ने वैटिकन से रवाना होने से पहले जापानी लोगों के नाम एक वीडियो संदेश में कहा था कि आपके साथ, मैं प्रार्थना करता हूं कि मानव इतिहास में कभी परमाणु हथियारों की विध्वंसक शक्ति का इस्तेमाल न हो।
नागासाकी (जापान)। पोप फ्रांसिस ने विश्व के नेताओं से परमाणु हथियारों की निंदा करने की अपील करते हुए रविवार को कहा कि हथियारों की दौड़ से सुरक्षा कमजोर होती है, संसाधनों की बर्बादी होती है और मानवता के विनाश का खतरा पैदा होता है। फ्रांसिस ने नागासाकी में यह अपील की। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने नागासाकी और हिरोशिमा में परमाणु बम गिराए थे। इन परमाणु हमलों में क्रमश: 74 हजार और 1.40 लाख लोग मारे गए थे।
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फ्रांसिस ने बारिश के बीच पीड़ितों के स्मारक पर जाकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।उन्होंने कहा कि यह स्थान इस बात की याद दिलाता है कि मनुष्य एक दूसरे का कितना विनाश करने में सक्षम हैं। फ्रांसिस ने कहा कि परमाणु हथियारों के रहित दुनिया संभव और आवश्यक है। मैं नेताओं से अपील करता हूं कि वे इस बात को न भूलें कि परमाणु हथियार हमारी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को मौजूदा खतरों से हमारी रक्षा नहीं कर सकते।’’
फ्रांसिस जापान की यात्रा की शुरुआत में नागासाकी और हिरोशिमा गए। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों को एकत्र करने से सुरक्षा का झूठा एहसास होता है और ईरान एवं उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे को लेकर चिंताओं के दौर में ये हथियार वैश्विक शांति को नुकसान पहुंचाते हैं। फ्रांसिस ने कहा कि शांति और अंतरराष्ट्रीय स्थिरता एकजुटता एवं सहयोग की वैश्विक नैतिकता के बल पर ही हासिल की जा सकती है।
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गौरतलब है कि जापान परमाणु हमले की विभीषिका झेलने वाला विश्व का अब तक का एकमात्र देश है। पोप ने वैटिकन से रवाना होने से पहले जापानी लोगों के नाम एक वीडियो संदेश में कहा था कि आपके साथ, मैं प्रार्थना करता हूं कि मानव इतिहास में कभी परमाणु हथियारों की विध्वंसक शक्ति का इस्तेमाल न हो। पोप थाईलैंड से जापान पहुंचे हैं। थाईलैंड में उन्होंने धार्मिक सहिष्णुता और शांति का संदेश दिया।
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