Pakistan में सैन्य तख्तापलट की अफवाहें, पाकिस्तानी पत्रकार Mossad पर लगा आरोप

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एकता । Jul 13 2025 5:53PM

जियो न्यूज़ नेटवर्क के जाने-माने पत्रकार और होस्ट हामिद मीर ने दावा किया है कि जरदारी की जगह सेना प्रमुख को राष्ट्रपति बनाने के लिए संभावित संवैधानिक संशोधन की मीडिया में जो चर्चा हो रही है, उसके पीछे इजरायली जासूसी एजेंसी मोसाद का हाथ है।

पिछले दो दिनों से पाकिस्तान में एक कथित सैन्य तख्तापलट की अफवाहों ने ज़ोर पकड़ रखा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि मौजूदा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की जगह सेना प्रमुख राष्ट्रपति बन सकते हैं। इन अफवाहों ने पाकिस्तानी नेतृत्व को डैमेज कंट्रोल मोड में ला दिया है, क्योंकि सरकार इन खबरों को सिरे से खारिज कर रही है।

पत्रकार ने मोसाद पर मढ़ा आरोप, बताया 'जासूसी योजना'

हालांकि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद इन खबरों को 'अफवाह' करार दिया था, लेकिन अब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने एक चौंकाने वाला 'षड्यंत्र सिद्धांत' पेश किया है। जियो न्यूज़ नेटवर्क के जाने-माने पत्रकार और होस्ट हामिद मीर ने दावा किया है कि जरदारी की जगह सेना प्रमुख को राष्ट्रपति बनाने के लिए संभावित संवैधानिक संशोधन की मीडिया में जो चर्चा हो रही है, उसके पीछे इजरायली जासूसी एजेंसी मोसाद का हाथ है।

मीर ने अपने 'एक्स' हैंडल पर दावा किया कि यह अफवाह 'राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख से जुड़ी सत्ता त्रिमूर्ति के खिलाफ मोसाद की जासूसी योजना' का हिस्सा थी। उन्होंने आगे कहा, '12 दिनों के युद्ध में इस्लामी गणराज्य ईरान को पाकिस्तान के स्पष्ट समर्थन से ज़ायोनी शासन (इजरायल) बेहद नाराज़ है। मोसाद इस्लामाबाद में सत्ता त्रिमूर्ति में से एक की हत्या की योजना बना रहा है, और इसका पर्दाफाश हो गया है।' मीर ने यह भी दावा किया कि उनके पास अपनी बात साबित करने के लिए खुफिया जानकारी है, हालांकि उन्होंने सिद्धांत का कोई विस्तृत खुलासा नहीं किया।

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जरदारी और ईरान कनेक्शन पर भी दावा

मीर ने दावा किया कि 2008 से 2013 के बीच राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान जरदारी का रुख़ किसी भी पाकिस्तानी के सीरियाई विपक्षी खेमे में शामिल होने के खिलाफ था। मीर के अनुसार, 'जरदारी चीन की मदद से तेहरान (ईरान) और रियाद (सऊदी अरब) के बीच सुलह कराने की कोशिश कर रहे थे, जिसके चलते मोसाद ने उनके खिलाफ आंतरिक अराजकता और व्यक्तित्व विनाश की रणनीति अपनाई।'

अक्सर पाकिस्तानी शासक वर्ग के मुखपत्र के रूप में देखे जाने वाले इस पत्रकार ने कहा कि मोसाद पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना चाहता था। उन्होंने आगे जोड़ा, 'कुछ विदेशी ताकतें पाकिस्तान के राजनीतिक-सैन्य नेतृत्व पर ईरान के समर्थन में अपने रुख से पीछे हटने का दबाव भी बना रही थीं, लेकिन यह (रणनीति) भी नाकाम रही।' मीर ने दावा किया कि पाकिस्तानी सरकार ने समय रहते जनता को साज़िश के बारे में बताकर मोसाद की योजना को नाकाम कर दिया।

गृह मंत्री ने खबरों का खंडन किया

पाकिस्तान के गृह मंत्री सैयद मोहसिन नक़वी ने भी देश के राष्ट्रपति के इस्तीफे और उनकी जगह सेना प्रमुख को नियुक्त करने की मांग वाली खबरों का कड़ा खंडन किया है। उन्होंने कहा, 'हम इस झूठे विमर्श में शामिल लोगों से कहते हैं कि शत्रुतापूर्ण विदेश सेवा के सहयोग से आप जो चाहें करें, और हम पाकिस्तान को फिर से मज़बूत बनाने के लिए जो भी ज़रूरी होगा, करेंगे।'

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