यमन के हूती विद्रोहियों के हमले में जहाज डूबने के बाद लापता लोगों की तलाश समाप्त

Houthi
ANI

यूरोपीय संघ मिशन ने बताया कि हमले में कम से कम चार लोगों के मारे जाने की आशंका है, जबकि 11 अन्य लापता हैं। हूती ने हमले के बाद कुछ नाविकों को अगवा करने का दावा किया है, लेकिन उसने इसका कोई सबूत नहीं दिया है।

यमन के हूती विद्रोहियों के हमले में लाल सागर में एक जहाज के डूबने के बाद लापता हुए लोगों की तलाश समाप्त हो गयी है और इस घटना में चार लोगों के मारे जाने की आशंका है तथा 11 अन्य लापता हैं।

यह जानकारी निजी सुरक्षा कंपनियों ने सोमवार को दी। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब उपग्रह से ली गई तस्वीरों में उस जगह पर तेल बिखरने के निशान दिखाई दे रहे हैं जहां मालवाहक जहाज ‘इटरनिटी सी’ डूबा था और एक अन्य तस्वीर में उस जगह पर भी तेल बिखरने के निशान दिखाई दिए हैं, जहां ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के हमले में ‘मैजिक सीज’ जहाज डूब गया था।

दोनों जहाजों पर हूती विद्रोहियों ने एक हफ्ते पहले हमला किया था। यह हमला गाजा पट्टी में इजराइल-हमास युद्ध के दौरान जहाजों को निशाना बनाने के उसके अभियान का हिस्सा था, जिसने लाल सागर में नौवहन को प्रभावित किया है।

निजी सुरक्षा कंपनी ‘एंब्रे’ और ‘डायप्लस ग्रुप’, जहाज ‘एटरनिटी सी’ से लापता लोगों की तलाश में जुटी थीं। इस जहाज पर सात जुलाई को हमला हुआ था जिसके कारण यह लाल सागर में डूब गया था। इस जहाज पर हमले से एक दिन पहले हूती विद्रोहियों ने ‘मैजिक सीज’ जहाज पर हमला किया था।

यूरोपीय संघ के ‘ऑपरेशन एस्पाइड्स’ ने बताया कि हमले में दस लोगों को बचा लिया गया है, जिनमें फिलीपीनी के चालक दल के आठ सदस्य और जहाज की सुरक्षा टीम के एक यूनानी और एक भारतीय नागरिक शामिल हैं।

यूरोपीय संघ मिशन ने बताया कि हमले में कम से कम चार लोगों के मारे जाने की आशंका है, जबकि 11 अन्य लापता हैं। हूती ने हमले के बाद कुछ नाविकों को अगवा करने का दावा किया है, लेकिन उसने इसका कोई सबूत नहीं दिया है।

यमन स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि उसका मानना है कि विद्रोहियों ने कुछ नाविकों का ‘‘अपहरण’’ कर लिया है। सुरक्षा कंपनियों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘जहाज के मालिक ने तलाश बंद करने का निर्णय लिया है, लेकिन उसका मानना है कि सभी परिस्थितियों को देखते हुए अब प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि जिन 10 लोगों को जीवित बचाया गया है, उन्हें सुरक्षित तट तक पहुंचाया जाए और इस कठिन समय में उन्हें आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए।

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