म्यांमार में नहीं थम रहा प्रदर्शन, तख्तापलट के विरोध में दूसरे सप्ताह भी निकाली गई रैली

Myanmar

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सैन्य शासन पर प्रतिबंध लगने की घोषणा की है और तब से ही एक फरवरी को हुए तख्तापलट के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का अमेरिका को समर्थक माना जा रहा है। चीन को सत्तारूढ़ जनरलों का समर्थक माना जा रहा है।

यांगून। म्यांमार में निर्वाचित सरकार के सैन्य तख्तापलट के विरोध में देश में शनिवार को दूसरे सप्ताह भी प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहा और प्रदर्शनकारी तथा सैन्य सरकार दोनों में से कोई भी पीछे हटने के लिए तैयार होता नहीं दिखाई दे रहा। देश के सबसे बड़े शहर यांगून में पांच या अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक के बावजूद प्रदर्शनकारी लेडेन चौराहे पर एकत्र हुए और उन्होंने रैली निकाली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सैन्य शासन पर प्रतिबंध लगने की घोषणा की है और तब से ही एक फरवरी को हुए तख्तापलट के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का अमेरिका को समर्थक माना जा रहा है। चीन को सत्तारूढ़ जनरलों का समर्थक माना जा रहा है। देश के दूसरे बड़े शहर मंडाले में भी प्रदर्शन दोबारा शुरू हुए। बड़ी संख्या में वकील इकट्ठा हुए और उन्होंने प्रदर्शन किया।

इसे भी पढ़ें: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहली बार की चीनी राष्ट्रपति से बात, उठाए ये बड़े मुद्दे

प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि सत्ता निर्वाचित असैन्य सरकार को लौटाई जाए और लोकतांत्रित तरीके से निर्वाचित नेता आंग सान सू ची और सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं को रिहा किया जाए। वहीं वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंगका कहना है कि चुनाव में धांधली हुई थी और उन्होंने सेना के तख्तापलट को जायज़ ठहराया। हालांकि इस आरोप को चुनाव आयोग खारिज कर चुका है। राजनीतिक कैदियों से संबंधित संस्था ‘असिस्टेंस असोसिएशन फार पॉलिटिकल प्रिजनर’ ने कहा कि सैन्य तख्तापलट के बाद से अब तक326लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़