हज में कंकड़ मारने की रस्म की अवधि घटाई जाएगी
अगले महीने हज के दौरान कंकड़ मारने की रस्म पर और अधिक नियंत्रण रखा जाएगा। पिछले साल इस रस्म को निभाने के दौरान करीब 2300 लोगों की मौत हो गयी थी।
रियाद। अगले महीने हज के दौरान कंकड़ मारने की रस्म पर और अधिक नियंत्रण रखा जाएगा। पिछले साल इस रस्म को निभाने के दौरान करीब 2300 लोगों की मौत हो गयी थी। सऊदी अरब के अखबारों सऊदी गेजेट और अरब न्यूज की आज प्रकाशित खबर के अनुसार जिस अवधि में हज यात्रियों को जमारात करने की अनुमति होगी उसे 12 घंटे कम किया जाएगा।
मक्का की ग्रांड मॉस्क के करीब पांच किलोमीटर पूर्व में स्थित मीना में शैतान को कंकड़ मारने की प्रतीकात्मक रस्म 11 सितंबर से सामान्य तौर पर तीन दिन तक अदा की जाएगी। हज मंत्रालय ने कहा कि इस साल पहले दिन सुबह छह बजे से 10:30 बजे तक, दूसरे दिन दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक और आखिरी दिन सुबह 10:30 बजे से दोपहर दो बजे तक कंकड़ मारने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सऊदी गेजेट ने मंत्रालय के अवर सचिव हुसैन अल-शरीफ के हवाले से कहा, ‘‘इस प्रक्रिया में हज यात्री आसानी से कंकड़ मार सकेंगे और अधिक भीड़ की वजह से भगदड़ मचने की आशंका कम होगी।’’ उन्होंने यह नहीं बताया कि नयी समय पाबंदी से भीड़ को कम करने में कैसे मदद मिलेगी। पिछले साल हज के दौरान मची भगदड़ हज के इतिहास का सबसे भयावह हादसा बन गयी थी। पांच मंजिला जमारात ब्रिज के बाहर यह हादसा हुआ था। विदेशी अधिकारियों के आंकड़ों के अनुसार 24 सितंबर को मची भगदड़ में कम से कम 2297 हज यात्री मारे गये थे। हालांकि सऊदी अरब ने मृतक संख्या 769 बताई थी।
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