यूक्रेन के युद्धक्षेत्र एक ‘प्रयोगशाला’ के रूप में देखा जा सकता है: सेना प्रमुख

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ANI

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘विशेष रूप से यूक्रेन के युद्धक्षेत्र पर हम कड़ी नजर रख रहे हैं, क्योंकि हमारी सीमाओं पर जो परिस्थितियां हैं, उनके संदर्भ में यह एक जीवित प्रयोगशाला है।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन का युद्धक्षेत्र हमारी सीमाओं पर मौजूद परिस्थितियों के संदर्भ में एक प्रयोगशाला के रूप में है और इसलिए सेना यूक्रेन के युद्धक्षेत्र पर बारीकी से नजर रख रही है।

दिल्ली रक्षा वार्ता 2025 में जनरल द्विवेदी ने कहा कि ​​भविष्य के युद्धक्षेत्र की बात करें तो यह मुकाबले और प्रतिस्पर्धा का युग है। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘दीर्घकालीन शांति खत्म हो रही है और व्यापक संघर्ष बढ़ रहे हैं, जिसका मतलब है कि प्रौद्योगिकी का अत्यधिक उपयोग हो रहा है... आज आप जहां चाहें वहां प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, “दुनिया में 50 से अधिक संघर्ष चल रहे हैं और 100 से ज़्यादा देश इसमें किसी न किसी रूप में शामिल हैं…... मैं पहले इसे 90 कहता था, लेकिन मुझे सुधारा गया, अब यह संख्या 100 से अधिक है।”

सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘विशेष रूप से यूक्रेन के युद्धक्षेत्र पर हम कड़ी नजर रख रहे हैं, क्योंकि हमारी सीमाओं पर जो परिस्थितियां हैं, उनके संदर्भ में यह एक जीवित प्रयोगशाला है।’’

उन्होंने कहा, “ड्रोन बख़्तरबंद टुकड़ियों का पीछा कर रहे हैं, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (ईडब्ल्यू) रेडियो संकेतों को जाम कर रहा है, सटीक मारक हमले 100 किलोमीटर से कहीं आगे तक पहुंच रहे हैं, जबकि सूचना अभियानों के जरिए युद्ध उस समय ही जीत लिए जा रहे हैं जब एक भी गोला दागा नहीं गया होता।

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