Pakistan Army और ISI के पास हर नेता की गर्दन का नाप है, Imran Khan की गिरफ्तारी दर्शाती है कि जिसने सेना से पंगा लिया उसकी गर्दन नप जाती है

Imran Khan
ANI

पाकिस्तान में लोकतंत्र बस एक छलावा है। शासन तो वहां सेना ही करती है। वैसे इस्लामाबाद में अदालत में पेश होने के दौरान इमरान खान को कोर्ट रूम में ही पाकिस्तानी रेंजर्स ने जिस तरह गिरफ्तार किया वह पाकिस्तान की राजनीति की निचले स्तर को भी दर्शाता है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आज जिस तरह गर्दन और कॉलर से पकड़ कर पुलिस ने गिरफ्तार किया वह दर्शाता है कि हमारे इस पड़ोसी देश में हर नेता की गर्दन का माप पाकिस्तान की सेना और आईएसआई के पास है। इन दोनों को इंतजार इस बात का रहता है कि कब किस नेता की कॉलर या गर्दन पकड़नी है। इमरान खान को सेना के समर्थन से ही प्रधानमंत्री पद की कुर्सी मिली थी बाद में जब तत्कालीन सेनाध्यक्ष और आईएसआई प्रमुख से उनके संबंध खराब हुए तो उनके बुरे दिन शुरू हो गये। पहले उनकी सत्ता गई, फिर गोली लगी और अब धक्के मार के और सारी इज्जत उतारने के बाद गिरफ्तारी भी हो गयी। हम आपको बता दें कि आज जब इमरान की गिरफ्तारी की गयी उस समय वह इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपने बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन के लिए जा रहे थे। अदालत परिसर में ही जिस तरह सुरक्षा बल इमरान खान पर टूट पड़े उसको देखकर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी भौंचक्के रहे गये हैं और उन्होंने पूछा है कि आखिर इमरान को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है।

यह पूरा प्रकरण एक बार फिर साबित करता है कि पाकिस्तान में लोकतंत्र बस एक छलावा है। शासन तो वहां सेना ही करती है। वैसे इस्लामाबाद में अदालत में पेश होने के दौरान इमरान खान को कोर्ट रूम में ही पाकिस्तानी रेंजर्स ने जिस तरह गिरफ्तार किया वह पाकिस्तान की राजनीति की निचले स्तर को भी दर्शाता है। इमरान खान पर भले गंभीर से गंभीर आरोप लगाये गये हों लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को यह तो ख्याल रखना ही चाहिए था कि वह देश के पूर्व प्रधानमंत्री और एक पार्टी के अध्यक्ष हैं। इमरान खान के साथ जो कुछ हो रहा है उसके चलते पाकिस्तान के हालात बिगड़ने का भी अंदेशा है क्योंकि इमरान समर्थक चुप नहीं बैठेंगे। पिछले साल रैली निकालने के दौरान जब इमरान खान पर जानलेवा हमला हुआ था और कुछ महीनों पहले जब इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस उनके घर के बाहर घेरा बनाये हुए थी तब भी पाकिस्तान में हालात काफी बिगड़ गये थे। अब इमरान खान की असभ्य तरीके से गिरफ्तारी, उनके वकीलों और समर्थकों से मारपीट दर्शाती है कि पाकिस्तान की राजनीति पटरी से उतर चुकी है। अर्थव्यवस्था तो उसकी पहले ही पटरी से उतरी हुई थी।

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इस बीच, पाकिस्तान में लाहौर तथा अन्य शहरों से तनावपूर्ण हालात के जो समाचार मिल रहे हैं उसको देखते हुए पूरी दुनिया में भी चिंता व्यक्त की जा रही है क्योंकि पाकिस्तान की अस्थिरता विश्व के लिए नया संकट भी खड़ा कर सकती है। दूसरी ओर, इमरान खान ने जिस तरह गिरफ्तारी से पहले वीडियो जारी कर अपने समर्थकों को संदेश दिया और उनकी गिरफ्तारी के बाद उनकी पार्टी पीटीआई ने देशभर में प्रदर्शनों का जो आह्वान किया है उससे इस पड़ोसी मुल्क में हालात बिगड़ने की खबरें भी आने लगी हैं। पाकिस्तान में कई शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ के समाचार लगातार मिल रहे हैं।

हम आपको यह भी बता दें कि इमरान खान की गिरफ्तारी उनकी उस लाहौर रैली के बाद हुई है जिसमें उन्होंने सेना पर गंभीर आरोप लगाए थे। इमरान ने अपनी रैली में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पर भी निशाना साधा था। इमरान खान ने शनिवार को एक रैली में कहा था कि आईएसआई के अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर उनकी हत्या की साजिश रच रहे हैं। इमरान खान ने आरोप लगाया था कि दो बार उनकी हत्या की कोशिश करने वाले आईएसआई अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर वरिष्ठ पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या में शामिल थे। हम आपको याद दिला दें कि सेना के आलोचक रहे अरशद शरीफ की पिछले साल अक्टूबर में केन्या में हत्या कर दी गई थी। वह सुरक्षा एजेंसियों से अपनी जान को खतरा होने का जिक्र करते हुए देश छोड़ कर भाग गए थे। केन्या में पुलिस ने खोजी पत्रकार पर गोली चलाई थी, जिससे उनकी मौत हुई थी। केन्या की पुलिस ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा था कि गलत पहचान के चलते 49 वर्षीय व्यक्ति की गाड़ी पर गोली चलाई गई थी जिससे उनकी मौत हो गई। 

इमरान खान के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान की फौज ने बिना किसी सबूत के एक सेवारत आईएसआई अधिकारी पर "बेहद गैर जिम्मेदाराना और बेबुनियाद" आरोप लगाने के लिए इमरान खान की निंदा की थी। सेना की मीडिया शाखा ‘इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस’ (आईएसपीआर) के कड़े शब्दों वाले बयान में यह भी कहा गया है कि इमरान खान के "मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण आरोप बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और अस्वीकार्य हैं।" बयान में कहा गया कि पिछले एक साल से देखा जा रहा है कि सेना और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों को राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए निशाना बनाया जा रहा है और उन पर आक्षेप लगाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान की सेना और खुफिया एजेंसियों को "बदनाम करने और धमकाने" के लिए निंदा की थी। 

जहां तक इमरान की गिरफ्तारी की बात है तो आपको बता दें कि इमरान को भ्रष्टाचार केस में गिरफ्तार किया गया है। इस्लामाबाद पुलिस की तरफ से ट्वीट करके बताया गया है कि इमरान की गिरफ्तारी कादिर ट्रस्ट केस में हुई है। हम आपको यह भी बता दें कि क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान पर अभी राजद्रोह, आतंकवाद, हत्या, हत्या का प्रयास, ईशनिंदा तथा अन्य आरोपों के तहत 140 से अधिक मामले दर्ज हैं। बहरहाल, गिरफ्तारी से पहले इमरान खान ने कहा, "मुझ पर कोई मामला नहीं है। वे मुझे जेल में डालना चाहते हैं, मैं इसके लिए तैयार हूं।" उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि मुझे फँसाया जा रहा है जिसका जनता जवाब देगी।

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