China-Pakistan Relations: पाकिस्तान के लिए शुरू हो सकता है नया सिर दर्द, आर्थिक तंगी और बदहाली के बीच चीन अपने दोस्त से क्यों है नाराज?
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पेंग चंक्स्यू ने मुलाकात के दौरान चीन की तरफ से लगातार समर्थन जारी रखने का भी भरोसा दिया।
पैसा खत्म होते ही पाकिस्तान जमीन पर आ गया। हवा-हवाई चलने वाली शहबाज सरकार का खजाना खाली हो गया। अब पाकिस्तान में सैलरी, पेंशन और सिक्योरिटी सब के बजट पर कैंची चलने वाली है। हालांकि शहबाज की जंबो कैबिनेट में 85 सदस्य हैं और इसे छोटा नहीं किया जाएगा। वो कहते हैं न कि पैसा पास नहीं होने पर अपने भी मुंह मोड़ने लग जाते हैं। पाक का हमर्दद और दोस्त चीन भी अब उसकी आर्थिक बदहाली और तंगहाली से चितिंत होने लगा है। चीन को पाकिस्तान में निवेश को लेकर चिंता सताने लगी है।
पाकिस्तान ने चीन से ले रखा है सबसे ज्यादा कर्ज
पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा चीन से कर्ज ले रखा है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा सोमवार को साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान का चालू खाता घाटा जनवरी में 90.2 फीसदी घटकर 0.24 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल इसी महीने में 2.47 अरब डॉलर था।
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पाक को अब भी समर्थन का भरोसा
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पेंग चंक्स्यू ने मुलाकात के दौरान चीन की तरफ से लगातार समर्थन जारी रखने का भी भरोसा दिया। उन्होंने बताया कि चीन वित्तीय सहायता मिलने के सकारात्मक संकेत मिले हैं। लेकिन चीन कितनी मदद देगा और कब देगा। इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है।
पाकिस्तान को लेकर असमंजस की स्थिति में चीन
चीन पहले से ही इस बात को लेकर असमंजस में है कि श्रीलंका को कैसे समर्थन दिया जाए, जो पहले से ही अपने 51 अरब डॉलर के विदेशी ऋण पर भुगतान में चूक कर चुका है, जिसमें चीन का 20 प्रतिशत ऋण भी शामिल है।
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