राशि अनुसार राखी बांधने से मिलेगी खुशहाली और दीर्घायु

Rakshabandhan 2020
अनीष व्यास । Jul 31 2020 3:48PM

राखी एक ऐसा त्योहार है जो केवल भाई-बहनों के खून के रिश्ते को ही परिभाषित नहीं करता बल्कि ये करीबी रिश्ते वालों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। यानी भाई और बहन का खून का हो यह जरूरी नहीं। रक्षाबंधन वो बंधन है जो मन और दिल से जुड़ता है।

रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई की खुशहाली और दीर्घायु की प्रार्थना करती है। हाथ पर रक्षा सूत्र यानि कि राखी बांधती है। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन पर ग्रहों के अनुसार राखी बांधने से शुभता प्राप्त होती है। ग्रह प्रसन्न होते हैं और शुभ फल देते हैं।

रक्षाबंधन भाई बहन के अनूठे प्रेम स्नेह और अटूट रिश्ते को दर्शाता है जिसका भाई व बहनों को पूरे साल से इंतजार रहता है। यह वह दिन होता है जिस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी दीर्घायु सुख शांति एवं समृद्धि की जी जान से कामना करती हैं। वहीं भाई भी बहन को यथा शक्ति उपहार तथा उसकी सुरक्षा का भरोसा देता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि बहनें प्यार और स्नेह की निशानी के रूप में अपने भाई की कलाई पर एक पवित्र धागा बांधती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का संकल्प लेता है। रक्षाबंधन पर बहन अपने भाई की खुशहाली और दीर्घायु की प्रार्थना करती है। हाथ पर रक्षा सूत्र यानि कि राखी बांधती है। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन पर ग्रहों के अनुसार राखी बांधने से शुभता प्राप्त होती है। ग्रह प्रसन्न होते हैं और शुभ फल देते हैं। 

ये एक ऐसा त्योहार है जो केवल भाई-बहनों के खून के रिश्ते को ही परिभाषित नहीं करता बल्कि ये करीबी रिश्ते वालों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। यानी भाई और बहन का खून का हो यह जरूरी नहीं। रक्षाबंधन वो बंधन है जो मन और दिल से जुड़ता है। 

ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि भाई-बहन के प्रेम उत्सव का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन का पर्व इस बार तीन अगस्त को कई शुभ संयोग में मनाया जाएगा। इस बार श्रावणी पूर्णिमा के साथ महीने का श्रावण नक्षत्र भी पड़ रहा है इसलिए पर्व की शुभता और बढ़ जाती है। श्रावणी नक्षत्र का संयोग पूरे दिन रहेगा। इस साल सावन के आखिरी सोमवार (3 अगस्त) पर रक्षाबंधन का त्योहार पड़ रहा है।

ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास से जानते हैं राशि अनुसार बहनें अपने भाई को हाथ पर कोनसे कलर की राखी बांधें।

मेष राशि के भाई को मालपुए खिलाएं एवं लाल डोरी से निर्मित राखी बांधे।

वृषभ राशि के भाई को दूध से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधे।

मिथुन राशि के भाई को बेसन से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं हरी डोरी वाली राखी बांधे। 

कर्क राशि के भाई को रबड़ी खिलाएं एवं पीली रेशम वाली राखी बांधे।

सिंह राशि के भाई को रस वाली मिठाई खिलाएं एवं पंचरंगी डोरे वाली राखी बांधे।

कन्या राशि के भाई को मोतीचूर के लड्डू खिलाएं एवं गणेशजी के प्रतीक वाली राखी बांधे।

तुला राशि के भाई को हलवा या घर में निर्मित मिठाई खिलाएं एवं रेशमी हल्के पीले डोरे वाली राखी बांधे।

वृश्चिक राशि के भाई को गुड़ से बनी मिठाई खिलाएं एवं गुलाबी डोरे वाली राखी बांधे।

धनु राशि के भाई को रसगुल्ले खिलाएं एवं पीली व सफेद डोरी से बनी राखी बांधे।

मकर राशि के भाई को मिठाई खिलाएं एवं मिलेजुले धागे वाली राखी बांधे।

कुंभ राशि के भाई को ग्रीन मिठाई खिलाएं एवं नीले रंग से सजी राखी बांधे।

मीन राशि के भाई को मिल्क केक खिलाएं एवं पीले.नीले जरी की राखी बांधे।

राखी बांधने की पूजा विधि

ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन अपने भाई को इस तरह राखी बांधें। सबसे पहले राखी की थाली सजाएं। इस थाली में रोली कुमकुम अक्षत पीली सरसों के बीज दीपक और राखी रखें। इसके बाद भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र यानी कि राखी बांधें। राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें। फिर भाई को मिठाई खिलाएं। अगर भाई आपसे बड़ा है तो चरण स्पर्श कर उसका आशीर्वाद लें। अगर बहन बड़ी हो तो भाई को चरण स्पर्श करना चाहिए। राखी बांधने के बाद भाइयों को इच्छा और सामर्थ्य के अनुसार बहनों को भेंट देनी चाहिए। ब्राह्मण या पंडित जी भी अपने यजमान की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं।

ऐसा करते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

- अनीष व्यास

ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता

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