दिल्ली के दिलों को जीतने की चुनौती, किसको चुनेगी जनता-किसके सिर सजेगा ताज

सच है कि युद्ध और प्यार मे सब कुछ जायज है और राजनीति से बड़ा कोई युद्ध नही है जहां कब किस मोहरे को कहां इस्तेमाल करना है इस पर सारी बात निर्भर करती है। ईमानदारी वैसे तो एक शब्द है।
राजनीति संभावनाओं का खेल है और भविष्य की संभावनाएं जिंदा रखने के लिए इस खेल को अंतिम क्षण तक खेलना सियासतदारों की मजबूरी भी है और जरूरी भी। इस नई संभावनाओं की प्रयोगस्थली बन रहा है दिल्ली। जहां होने वाले विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ अमित शाह की साख भी दांव पर लगी हुई है। साल 2020 नया साल और नए साल का पहला चुनाव देश के दिल कहे जाने वाले दिल्ली में है।
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