बीजेपी के विजय रथ के 'सारथी' नड्डा, बिहार से वाया हिमाचल, दिल्ली का सफर

JP Nadda
अभिनय आकाश । Dec 2 2020 11:35AM

कुशल रणनीतिकार होने के साथ ही नड्डा पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के विश्वासपात्र भी माने जाते हैं। कठिन से कठिन कामों को सूझबूझ और सरलता से सुलझाने में माहिर नड्डा भाजपा के अध्यक्ष बनाए गए। पीएम मोदी और अमित शाह दोनों के साथ जेपी नड्डा के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं।

बिहार में जिस तरह की स्ट्राइक रेट के साथ 110 में से 74 सीटों पर फतह पाई है। बिहार की जीत को सबसे बड़ी जीत के रुप मे भारतीय जनता पार्टी ने प्रोजेक्ट किया। कोरोना काल के बाद इस जीत के जरिये केंद्र सरकार पर भी कई मायनों में मुहर लगी। देश के प्रधानमंत्री ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कुशल नेतृत्व की जमकर सराहना की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर नड्डा की जमकर सराहना की और पार्टी की जीत को उनके कुशल नेतृत्व का परिणाम बताया।  उन्होंने नारे भी लगाए, 'नड्डा जी आगे बढ़ो, हम आपके साथ हैं।'

बिहार में बहार है एनडीए की सरकार है के नारे के साथ जब बीजेपी के चीफ जेपी नड्डा भाजपा मुख्यालय पहुंचे तो पुष्पहार, तोरणद्वार और फूलों की बौछार के साथ उनका स्वागत हुआ। उनकी अध्यक्षता में ये पहला चुनाव ल़ा जा रहा था और शानदार जीत पार्टी को मिली। प्रधानमंत्री मोदी ने कुल 12 रैलियां की और सेंट्रल लीडरशिप में सबसे ज्यादा रैलियां जेपी नड्डा ने की। जेपी नड्डा का स्कूल और कालेज का सफर बिहार में ही बीता है और वो बिहार की फिजाओं को बखूबी समझते हैं। जेपी नड्डा के लिए निजी और पालिटिकल तौर पर भी बिहार की ये जीत बहुत ज्यादा मायने रखती है। ऐसे में आज हम बात करेंगे बीजेपी चीफ जेपी नड्डा की जिन्होंने जहां से की जहां से अपनी छात्र राजनीति शुरू की वहीं पर राजनीति का सबसे बड़ा इम्तिहान दिया। और उसे distinction marks के साथ पास भी किया।

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नरेंद्र मोदी सरकार पार्ट 2 के शपथ ग्रहण सामरोह में एक नाम ऐसा था जिस पर हर किसी निगाहें टिकी थी, वो नाम था मोदी के सिपहसालार अमित शाह का। यह कयास लगाए जा रहे थे कि शाह मंत्री पद संभालेंगे कि नहीं। लेकिन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए अमित शाह ने मंत्री पद की शपथ भी ली और देश के गृह मंत्री भी बन गए। जिसके बाद अटकलों का बाजार देश की सबसे बड़ी पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर गर्म हो गया। पिछले मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे जगत प्रकाश नड्डा के इस बार मंत्री नहीं बनने के बाद से ही उनका नाम भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे चल रहा था। कुशल रणनीतिकार होने के साथ ही नड्डा पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के विश्वासपात्र भी माने जाते हैं। कठिन से कठिन कामों को सूझबूझ और सरलता से सुलझाने में माहिर नड्डा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए। पीएम मोदी और अमित शाह दोनों के साथ जेपी नड्डा के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं। बता दें कि नरेंद्र मोदी जब हिमाचल प्रदेश के प्रभारी थे उस वक्त जेपी नड्डा और मोदी साथ में काम किया करते थे। दिल्ली के अशोक रोड स्थित भाजपा के पुराने मुख्यालय के आउट हाउस में दोनों एक साथ रहा करते थे। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह से भी नड्डा की करीबी काफी पुरानी है। शाह जब जनता युवा मोर्चा के कोषाध्यक्ष थे तो नड्डा भाजयुमो के अध्यक्ष थे। गौरतलब है कि जब लोकसभा चुनाव अपने चरम पर था और उत्तर प्रदेश में बसपा-सपा-रालोद की तिकड़ी महागठबंधन के जरिए चमत्कार के सपने संजो रही थी और सभी राजनीतिक पंडित इस चुनाव में भाजपा के यूपी में खराब प्रदर्शन करने की भविष्यवाणी करते दिख रहे थे। उस वक्त एक शख्स बूथ लेवल से लेकर प्रदेश की सियासी गलियों को भापंने व नांपने में लगे था। वो नाम था हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी जेपी नड्डा। परिणाम जब सामने आए महागठबंधन का कुनबा ही बिखड़ गया और भाजपा ने सूबे की 62 सीटें अपने नाम कर ली। हिमायल प्रदेश के बिलासपुर के रहने वाले जेपी नड्डा का जन्म बिहार के पटना में हुआ था। उनके पिता पटना विश्वविद्यालय के कुलपति थे।

जय प्रकाश आंदोलन से प्रभावित होकर छात्र राजनीति की ओर कदम बढ़ाने वाले नड्डा बाद में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ जुड़ गए। साल 1977 में पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव में वह सचिव चुने गए और फिर 13 साल तक विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रहे। साल 1993 में बिलासपुर के विधायक के रूप में पहली बार विधानसभा पहुंचने वाले नड्डा 6 बार बिलासपुर सदर से विधायक चुने गए। जेपी नड्डा 1998 से 2003 तक वह हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। साल 2012 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया और कई संसदीय कमिटियों में जगह दी गई।

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इसी वर्ष जनवरी के महीने में जगत प्रकाश नड्डा भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष चुन लिए गए। उन्हें तीन वर्षों के लिए भाजपा का अध्यक्ष चुना गया। बिहार के विधानसभा चुनाव व उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक आदि राज्यों में अभी हाल ही में संपन्न हुए कुछ विधानसभा सीटों के उपचुनावों में भाजपा को मिली जबरदस्त सफलता ने देश के अधिकांश राजनीतिक विश्लेषकों के आकलन को जहां एक तरफ न सिर्फ धता बताया बल्कि सभी को चौकांया क्योंकि अधिकांश राजनीतिक विश्लेषकों व बहुत सारे राजनेताओं का चुनाव से पहले व चुनाव के दौरान मत था कि देश में कोरोना महामारी की वजह से जगह-जगह उत्पन्न हुई विभिन्न प्रकार की बेहद गंभीर समस्याओं के चलते, भाजपा को इन चुनावों में जनता का सामना करने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप चुनाव परिणामों में हार के चलते भाजपा को जबरदस्त निराश हाथ लगेगी। लेकिन जब बिहार व अन्य राज्यों के चुनाव परिणाम सभी के सामने आये तो भाजपा ने जीत का सेहरा अपने सिर बांधकर सभी चुनावी विश्लेषकों व चुनावों में परास्त हुए राजनीतिक दलों को गहन आत्ममंथन करने पर मजबूर कर दिया है। इन चुनावों में विपक्षी दलों के हर चुनावी दांवपेंच को विफल करने का श्रेय भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को जाता है। ये नड्डा ही थे जिन्होंने अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले इम्तिहान में भाजपा को बिहार में 19.46 प्रतिशत मतों के साथ 74 सीटों पर विजय दिलाकर अपने सहयोगी जदयू का बड़ा भाई बनाने का कार्य किया है। बिहार विधानसभा के चुनाव में जेपी नड्डा का स्ट्राइक रेट बहुत जबरदस्त रहा है। उनकी 26 विधानसभा के क्षेत्रों में रैलियां हुई थीं, उनकी सभाओं से एनडीए के प्रत्याशियों को बहुत लाभ हुआ है और एनडीए 26 में से 20 सीटें जीतने में कामयाब हुआ है।

अध्यक्ष बनने के बाद जेपी नड्डा के सामने कई राजनीतिक चैलेंज हैं। अपने स्वर्णीम काल में चल रही भाजपा को इससे भी आगे लेकर जाने के साथ ही उन राज्यों में भगवा झंडा लहराना जहां आरएसएस से लेकर भाजपा के प्रयोग भी उतने कारगर साबित नहीं हुए हैं। हालांकि, बंगाल में भाजपा ने अपने पैर पसार लिए हैं और ममता के अखंड राज पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। लेकिन दक्षिण के राज्यों में भी भाजपा की गाड़ी को दौड़ाना और केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व तमिलनाडू जैसे प्रदेश को भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश बनाना जेपी नड्डा की सबसे बड़ी चुनोती होगी।

बहरहाल,  बिहार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद बीजेपी एक बार फिर अपने अगले मिशन के लिए तैयार दिखाई दे रही है। अगले साल होने वाले 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा  ने 100 दिन का प्लान तैयार किया है। इसके तहत बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पूरे देश का दौरा करेंगे। इस दौरान वह सभी राज्यों में पार्टी नेताओं से मिलेंगे और कैडरों के साथ बैठक करेंगे। अपनी यात्रा के दौराना भाजपा अध्यक्ष प्रोफेसर, मीडिया कर्मियों, लेखकों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं सहित लगभग 200 प्रमुख हस्तियों से भी मुलाकात करेंगे। जेपी नड्डा ने सभी राज्यों को ए, बी, सी और डी श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। श्रेणी ए वे राज्य हैं जहां बीजेपी या सहयोगियों के साथ गठबंधन में है। इसमें नागालैंड, बिहार, कर्नाटक, त्रिपुरा आदि जैसे राज्य शामिल है। श्रेणी बी में उन राज्यों से संबंधित है जहां भाजपा राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, ओडिशा की तरह सत्ता में नहीं है। श्रेणी सी छोटे राज्यों जैसे लक्षद्वीप, मेघालय और मिजोरम से संबंधित है और श्रेणी डी केरल, पश्चिम बंगाल, असम, पुड्डुचेरी और तमिलनाडु जैसे चुनाव-आधारित राज्यों के लिए है उत्तर प्रदेश को छोड़कर, नड्डा सी श्रेणी में रखे गए राज्यों में 2 दिन के लिए रहेंगे। यूपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष 8 दिन तक प्रचार करेंगे।- अभिनय आकाश

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