दुनिया के पहले डिटेंशन सेंटर की कहानी और भारत की आंखें खोलने वाला विश्लेषण

डिटेंशन सेंटर ऐसे ठिकाने होते हैं, जहां अवैध विदेशी नागरिकों को रखा जाता है। दि फॉरेनर्स एक्ट के सेक्शन 3(2)(सी) के तहत केंद्र सरकार को यह अधिकार है कि, वह किसी भी अवैध नागरिक को देश से बाहर निकाल सकती है। देश से बाहर करने की प्रॉसेस के दौरान ऐसे लोगों को डिटेंशन सेंटर में ही रखा जाता है।
दुनिया में वैसे तो डिटेंशन सेंटर का इतिहास बहुत पुराना है। कहीं इन्हें नजरबंदी शिविर कहा जाता है तो कहीं यातना केंद्र। कहीं इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर कहते हैं तो कहीं कंसन्ट्रेशन कैंप। नाजी कंसन्ट्रेशन कैंप यहूदियों को यातना देने के लिए जाने गए तो चीन के शिविर उइगर मुस्लिमों को वहां रखने से चर्चा में आए।
सबसे पहले आपको दो लाइनों में बता देते हैं कि डिटेंशन सेंटर होते क्या हैं?
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