Adani Group News: FPO होता क्या है और कंपनियां क्यों इसे जारी करती हैं, अडानी ने वापसी वाले कदम से चल दिया मास्टरस्ट्रोक?

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अभिनय आकाश । Feb 02, 2023 5:05PM
अडानी इस लिस्ट में पिछले हफ्ते तक तीसरी पोजिशन पर थे, जो हिडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब 15वीं पायदान पर खिसक गए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि एफपीओ होता क्या है और इसे कंपनियां क्यों जारी करती हैं, अडानी ग्रुप ने इसे वापस लेने का फैसला क्यों किया?

गौतम अडानी की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने 20000 करोड़ रुपये का अपना एफपीओ वापस लेने का फैसला किया है। कंपनी ने कहा कि इस एफपीओ को जिन निवेशकों ने सब्सक्राइव किया था, उनका पैसा लौटा दिया जाएगा। यह फैसला कंपनी के निदेशक मंडल ने किया। कंपनी ने एक बयान में कहा, 'असाधारण हालात और मार्केट में मौजूदा उतार-चढ़ाव को देखते हुए कंपनी अपने निवेशकों के हित सुरक्षित करना चाहती है। इसके लिए एफपीओ की रकम वापस की जाएगी। अडानी ग्रुप के शेयरों में हुई भारी बिकवाली ने बाजार का मूड खराब कर दिया। यह विकवाली इन्वेस्टमेंट फर्म क्रेडिट सुइस की वजह से आई। उसने अडानी ग्रुप की कंपनियों के वॉण्ड को गिरवी रखकर कर्ज देना बंद कर दिया। इस खबर से अडानी ग्रुप के सभी 10 शेयर लाल निशान में आ गए। 20 हजार करोड़ रुपए का एफपीओ पूरी तरह से सब्क्राइब होने के कुछ घंटों बाद ही अडानी का इसे वापस लेने के फैसले ने हर किसी को चौंका दिया। वैसे बीते कुछ वर्षों के अडानी की ऊचाईयों को छूने की कहानी भी सभी को चौंकाती ही रही है। वो सरप्राइजिंग डिसिजन लेने में माहिर माने जाते हैं। चाहे वो रिटेल हो या पोर्ट व एयरपोर्ट। पॉवर और इन्फ्रास्ट्रक्र के क्षेत्र में जबरदस्त विस्तार की वजह से अडानी लगातार मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ते आए। लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बिजनेसमैन गौतम अडानी दुनिया के शीर्ष अरबपति रैंकिंग में नीचे आ गए हैं और अब सबसे अमीर एशियाई या भारतीय नहीं हैं। अडानी के प्रतिद्वंद्वी बिजनेसमैन मुकेश अंबानी अब फिर से सबसे अमीर भारतीय हो गए हैं। पिछले साल अप्रैल में मुकेश अंबानी को पीछे छोड़कर अडाणी सबसे अमीर भारतीय बने थे। फोर्ब्स के मुताबिक, दुनिया के अरबपति बिजनेसमैन की लिस्ट में मुकेश अंबानी 9वें स्थान पर हैं। अडानी इस लिस्ट में पिछले हफ्ते तक तीसरी पोजिशन पर थे, जो हिडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब 15वीं पायदान पर खिसक गए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि एफपीओ होता क्या है और इसे कंपनियां क्यों जारी करती हैं, अडानी ग्रुप ने इसे वापस लेने का फैसला क्यों किया? 

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एफपीओ क्या होता है? 

आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर के बारे में तो आप सभी ने खूब सुना होगा। जिसमें कोई भी कंपनी शेयर मार्केट में सबसे पहली बार लिस्ट होने के लिए आती है। तब वो कंपनी अपने शेयर पब्लिक में डिस्ट्रिब्यूट कर देती है और फिर उसके बदले में पैसे ले लेती है। उस पैसे का कंपनी द्वारा अलग काम में इस्तेमाल किया जाता है। उसी तरीके से अगर कोई कंपनी पहले से ही लिस्टेड है। यानी शेयर मार्केट में वो पहले से मौजूद है। उहादरण के लिए अडानी इंटरप्राइजेज को ही ले लिया जाए। अडानी इंटरप्राइडेज पहले से ही शेयर मार्केट में लिस्टेड है। ऐसे में अगर अडानी इंटरप्राइजेज अपने नए शेयर पब्लिक में दोबारा से देना चाहती है और उसके बदले में पब्लिक से और पैशे लेना चाहती है तो उसे फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर यानी एफपीओ कहा जाता है। ये एक इनिशियल पब्लिक ऑफर नहीं बल्कि फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर है। 

कंपनियां क्यों जारी करती हैं एफपीओ?

कोई भी कंपनी अपने भविष्य के विस्तार के लिए कर्जा चुकाने के लिए एफपीओ लेकर आती है। ये एक तरह से  मौजूदा शेयधारकों के लिए भी उस कंपनी से निकलने का अवसर होता है। वो चाहे तो एफपीओ के रेट पर अपना शेयर बेच भी सकते हैं क्योंकि मार्केट का रेट भी उसके आस-पास आ जाता है। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। एफपीओ के दौरान की कंपनी के रिटेल शेयर का भाव जमीन छूने लगा। 

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क्या अडानी एफपीओ ओवर सब्सक्राइब नहीं हुआ था?

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच 1 फरवरी को कॉरपोरेट्स और विदेशी निवेशकों ने अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के एफपीओ को बेलआउट कर दिया था। एईएल के शेयर का बाजार मूल्य निर्गम मूल्य से नीचे रहने के बावजूद, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और गैर-संस्थागत निवेशकों सहित योग्य संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) से मजबूत प्रतिक्रिया के बाद, एफपीओ को मुद्दे के अंतिम दिन 1.12 गुना सब्सक्राइब किया गया था। जैसे बड़े उद्योगपतियों के पारिवारिक कार्यालय जो उनके व्यक्तिगत धन और अल्ट्रा-हाई नेटवर्थ व्यक्तियों का प्रबंधन करते हैं। क्यूआईबी हिस्से को 1.26 गुना और एनआईआई को 3.32 गुना सब्सक्राइब किया गया। कॉरपोरेट्स ने 5,438 करोड़ रुपये के 1.66 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई और 4,127 करोड़ रुपये के 1.24 करोड़ शेयरों के लिए एफआईआई ने आवेदन किया। हालांकि, खुदरा निवेशकों के हिस्से को केवल 0.12 गुना (12 प्रतिशत) सब्सक्राइब किया गया था, जिसमें निवेशकों ने 2.29 करोड़ शेयरों के कोटा के मुकाबले केवल 27.45 लाख शेयरों के लिए बोली लगाई थी। कर्मचारियों का कोटा भी केवल 55 प्रतिशत कोटे की बोलियों के साथ अंडरसब्सक्राइब रहा।

लोगों ने नकारा

गौतम अडानी ने उन निवेशकों को शुक्रिया कहा है जिन्होंने कंपनी में भरोसा जताते हुए एफपीओ में पैसा लगाया। लेकिन सच्चाई ये है कि भारत का सबसे बड़ा एफपीओ सिर्फ 112 परसेंट सब्सक्राइब हुआ। वो भीअबू धाबी वाली एक कंपनी के सहयोग से। रिटेल मतलब हमारे आपके जैसे खुदरा निवेशकों ने इससे तौबा ही किया। रिटेल कैटेगरी में सिर्फ 12 परसेंट कोटा ही सब्सक्राइब हुआ है।

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एफपीओ वापसी पर खुलकर बोले अडानी

अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने कहा कि पिछले हफ्ते कंपनी के शेयर में काफी उतार चढ़ाव के बावजूद एफपीओ को सफलतापूर्वक बंद हुआ। कंपनी और उसके कारोबार के प्रति आपका भरोसा हमारा विश्वास बढ़ाने वाला है जिसके लिए हम आपके आभारी हैं।” अडाणी ने कहा कि आज कंपनी के शेयर में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव रहा। उन्होंने कहा, “ असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर, कंपनी के निदेशक मंडल ने फैसला किया है कि एफपीओ पर आगे बढ़ना नैतिक रूप से ठीक नहीं होगा। अडानी ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए गिरावट को रोकने की कोशिश की है। अब उनके शेयरधारक इस पर कितना भरोसा करते हैं ये तो बाजार ही तय करेगा। 

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