Gautam Adani की दुनिया हिला देने वाली Hindenburg डूबा चुकी है दर्जनों कंपनियां, क्या है इसका इतिहास, कहीं इसके पीछे तगड़ा मुनाफा कमाने का खेल तो नहीं?

Hindenburg
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Jan 31 2023 5:44PM

अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसे 25 जनवरी को जारी किया गया था। कैसे हुआ ये सब, क्या है इस रिपोर्ट में और इसका असर आने वाले समय में भारतीय बाजार पर क्या प्रभाव डालेगा। तमाम सवालों के जवाब आज इस रिपोर्ट के जरिये आपको देंगे।

एक रिपोर्ट और उसका असर ऐसा की दुनिया के अरपतियों की सूची में फेरबदल हो गया। कंपनी को 65 अरब डॉलर का नुकसान हुआ वहीं ग्रुप के चेयरमैन की नेटवर्थ में भी भारी गिरावट आई। हम बात कर रहे हैं गौतम अडानी की, बेशुमार दौलत वाले एक उद्योगपति जिनकी कंपनी दिन दोगुनी और रात चौगुनी रफ्तार से बढ़ रही है। शोहरत का एक बड़ा नाम जिनका जिक्र अक्सर विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी की तरफ से भी मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए किया जाता रहता है। लेकिन पिछले दिनों भारत के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। अडानी ग्रुप के कई कंपनियों के शेयर धड़ाम से गिए गए। बाजार में अफरा-तफरी मचने लगी।  इन सब के पीछे अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसे 25 जनवरी को जारी किया गया था। कैसे हुआ ये सब, क्या है इस रिपोर्ट में और इसका असर आने वाले समय में भारतीय बाजार पर क्या प्रभाव डालेगा। तमाम सवालों के जवाब आज इस रिपोर्ट के जरिये आपको देंगे। 

इसे भी पढ़ें: Gautam Adani: अडानी ग्रुप ने एक साल में क्या-क्या किया, सेबी करेगा हरेक डील की जांच

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में ऐसा क्या जिसने हिला दी गौतम अडानी की दुनिया

24 जनवरी से अबतक गौतम अडानी पैसे गंवाते जा रहे हैं वो भी लाख या करोड़ में नहीं बल्कि हजारों करोड़ में और आलम ये है कि कुछ दिन पहले तक दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में चौथे स्थान पर काबिज गौतम अडानी अब टॉप 10 लिस्ट से ही बाहर हो गए। इतना ही नहीं तीन दिन से ग्रुप की कंपनियों में भारी गिरावट आ रही है। इससे ग्रुप को 65 अरब डॉलर की चपत लगी।  साथ ही ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानीकी नेटवर्थ में 36.1 अरब डॉलर (करीब 29,45,72,39,00,000 रुपये) की भारी गिरावट आई है। ये सब तब हुआ जब अडानी समूह शेयर बाजार से 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने की शुरुआत करने वाला था। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह पर भारी कर्ज को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। अमेरिका की इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि वो गौतम अडानी के कंपनियों के शेयर बेचकर निकल लेगी। क्योंकि समूह भारी कर्जे में है। टैक्स एवंस में कंपनियां खड़ी करने का नाजायज फायदा उठाने के आरोप लगे। दो साल के रिसर्च के बाद स्टॉक मैन्युप्लेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल होने के आरोप लगे। इसके बाद अडानी के शेयर धड़ाम हो गए। हिंडनबर्ग ने दावा किया कि अडानी समूह पर रिपोर्ट दो साल की तहकीकात के बाद जारी की गई। रिसर्च फॉर्म ने अडानी समूह में काम कर चुके कई सीनियर अधिकारियों समेत दर्जनों लोगों से बात की है। हजारों दस्तावेजों की पड़ताल की और लगभग आधा दर्जन देशों में अडानी समूह के दफ्तरों के चक्कर काटें। इसके बाद फॉर्म जिस निष्कर्स पर पहुंची उसकी मोटा-माटी जानकारी हम आपको दे देते हैं-

1. अडानी ग्रुप दशकों से स्टॉक हेर-फेर और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल है। 

2. अडानी ग्रप की कंपनियों के शेयर गैर जरूरी रूप से महंगे हैं। यानी इसकी वास्तविक कीमत बहुत कम है। 

3. इन्हें बहुत ज्यादा  बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया। 

4. फॉर्म का दावा कि असलियत सामने आए तो शेयर्स की कीमत में 85 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।

5. अडानी ग्रुप के शेयर बाजार में लिस्टेड अहम कंपनियों पर काफी कर्ज है। 

6. बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए शेयर्स को गिरवी रखकर कर्ज लिया गया जिससे पूरे ग्रुप की वित्तीय स्थिति मुश्किल में पड़ सकती है। 

7. रिसर्चर्स के मुताबिक अडानी ग्रुप चार बड़ी सरकारी जांच का विषय रहे हैं। 

8. ये जांच मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स पियर्स का पैसा चुराने और भ्रष्टाचार के मामलों में थी। 

9. अनुमान के मुताबिक ये फ्रॉड करीब 17 बिलियन डॉलर ( 1 लाख 38 हजार करोड़ रुपये) का है। 

10. अडानी परिवार के सदस्यों ने कथित रूप से टैक्स हेवन देशों, मॉरिशस, यूएई और कैरेबियन द्वीप समूहों में विदेशी सेल कंपनियां बनाने में सहयोग किया। 

11. नकली और अवैध कारोबार तथा शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों से पैसा निकालने के लिए फर्ज एम्पोर्ट एक्सपोर्ट डॉक्यूमेंट तैयार किए। 

12. इस संबंध में फर्म ने गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी का भी नाम लिया। विनोद अडानी से जुड़ी कई कंपनियां ऐसी हैं जिसके वास्तव में होने का कोई संकेत नहीं है।

13. रिपोर्ट के मुताबिक 2004-05 में डॉयरेक्टेरेट ऑफ रेवन्यू इंटेलिजेंस यानी डीआरआई ने गौतम अडानी के छोटे भाई राजेश अडानी को हीरे के व्यापार में धांधली का आरोपी भी बनाया था। जालसाजी और टैक्स फ्रॉड के अलग-अलग मामलों में राजेश अडानी को दो बार गिरफ्तार किया जा चुका है। बाद में राजेश अडानी को अडानी ग्रुप का मैनेजिंग डॉयरेक्टर बना दिया गया। 

14. रिसर्च फर्म के मुताबिक गौतम अडानी के बहनोई समीर वोहरा पर डीआरआई ने उसी हीरा व्यापार घोटाले का मास्टरमांइंड होने और बार-बार झूठे बयान देने का आरोप लगाया था। बाद में उन्हें अडानी ऑस्ट्रेलिया डिविशन के कार्यकारी निदेशक के रूप में प्रमोट किया गया।  

15. कई विदेशी सेल कंपनियां अडानी ग्रुप की सबसे बड़ी पब्लिक शेयर होल्डर्स यानी नॉन प्रमोटर हैं। यानी ऐसा मामला जिसमें भारतीय नियामक सिक्योरिटी एक्चेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के नियमों को कायदे से लागू किया जाए तो इन कंपनियों को शेयर बाजार से डी लिस्ट करना पड़ सकता है। 

इसे भी पढ़ें: Hindenburg Research की रिपोर्ट पर बवाल! Gautam Adani के शेयरों का अब क्या होगा? क्यों आई भारी गिरावट, पूरा मामला 10 प्वाइंट्स में समझें

413 पन्नों का जवाब

उद्योगपति गौतम अडानी के समूह ने वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला बताते हुए हा कि आरोप झूठ के सिवाय कुछ नहीं हैं। अडानी समूह ने 413 पन्नों के जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट मिथ्या धारणा बनाने की छिपी हुई मंशा से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके। समूह ने कहा, यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता तथा भारत की विकास गाथा एवं महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है। अडानी समूह ने कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत बिना सोचे-विचारे काम करने के लिए अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है। वहीं, अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है।

इसे भी पढ़ें: Adani Group News:अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर दिया 413 पेज का जवाब, मोटा पैसा छापने के लिए आई रिपोर्ट 

किसने बनाई कंपनी?

अमेरिकी निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च को नाथन एंडर्सन नाम के उद्योगपति ने बनाया है। फाइनेंसियल टाइम्स के अनुसार वो येरुशलम से हैं। अमेरिका की कॉनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से उन्होंने इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। कंपनी का नाम हिंडनबर्ग हादसे पर रखा गया है। 1937 के हिंडनबर्ग हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई थी। हिंडनबर्ग एक जर्मन एयर स्पेसशिप था। कंपनी का दावा है कि वो फॉरेंसिक फाइनेंसियल रिसर्च में विशेषज्ञता रखती है और कई सालों से निवेश कर रही है। अडानी से पहले भी कई कंपनियों के शेयरों का भाव ये कंपनी गिरा चुकी है। 2020 में अमेरिकी ट्रक निर्माता कंपनी निकोला और सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर में भी अपनी हिस्सेदारी बेची थी। जिससे दोनों कंपनियों के शेयरों के भावों में गिरावट देखी गई थी। 2016 से अबतक हिंडनबर्ग रिसर्च ने दर्जनों कंपनियों के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की है। एंडरसन का दावा है कि वो डेटा और शेयर मार्केट की बारिकियों को समझता है। 

हिंडनबर्ग कैसे काम करती है?

कंपनी मुख्य रूप से शेयर मार्केट एक्टिविटी क्रेडिट पर रिसर्च करती है। जैसे शेयर मार्केट में कहीं गलत तरह से पैसों की हेरा फेरी तो नहीं हो रही है। कहीं बड़ी कंपनियां अपने फायदे के लिए अकाउंट मैनेजमेंट को नहीं कर रही है। कोई कंपनी अपने फायदे के लिए शेयर मार्केट में गलत तरह से दूसरी कंपनियों के शेयर को बेट लगाकर नुकसान तो नहीं पहुंचा रही है। इसके बाद कंपनी रिपोर्ट प्रकाशित करती है। जिस कंपनी के बारे में ये रिपोर्ट होती है, उस कंपनी के शेयर धड़ाम से गिर जाते हैं। 

सवालों के घेरे में रिसर्च कंपनी

कंपनी खुद कहती है कि वो शॉर्ट सेलिंग का धंधा करती है। मतलब ये है कि हिंडनबर्ग बाजार की गिरावट का फायदा उठाता है। स्टॉक पहले से बेच देता है और जब स्टॉक के दाम गिर जाते हैं तो बाद में खरीद लेता है। हिंडनबर्ग अडानी ग्रुप के शेयरों में शॉर्ट पोजीशन ले रखी है। इसका मतलब ये हुआ कि अडानी ग्रुप के शेयर गिरेंगे तो हिंडनबर्ग को फायदा होगा और ऐसा हो भी रहा है। 

रिपोर्ट की टाइमिंग को लेकर सवाल

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी करने की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। ये रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब अडानी समूह अपनी मूल कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ बाजार में लेकर आया है। ये प्राइवेट सेक्टर में देश का सबसे बड़ा एफपीओ है। 27 से 31 जनवरी के दौरान इस एफपीओ के जरिए अडानी ग्रप बाजार से 20,000 करोड़ रुपये जुटाने में लगा है। इस रिपोर्ट के कारण एफपीओ ऑफरिंग को झटका लगा है।  अभिनय आकाश

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़