Parliament Diary: बंगाल हिंसा और महंगाई के मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की भिड़ंत

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भाजपा सांसद मजूमदार ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो चुकी है और विधानसभा चुनाव के बाद से राजनीतिक हिंसा जारी है। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं।

नमस्कार प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पार्लियामेंट डायरी में आप सभी का स्वागत है। संसद में आज महंगाई, जम्मू-कश्मीर के बजट, बंगाल की हिंसा आदि जैसे मुद्दे प्रमुखता के साथ उठाये गये। आइये डालते हैं दोनों सदनों की आज की कार्यवाही की बड़ी बातों पर एक नजर।

बंगाल हिंसा का मामला उठा

लोकसभा में भाजपा के सुकांत मजूमदार ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा का मुद्दा उठाया और राज्य में कानून एवं व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से संविधान के उचित अनुच्छेद के तहत हस्तक्षेप करने की मांग की। शून्यकाल के दौरान उन्होंने इस विषय को उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से संबद्ध पंचायत स्तर के एक उप प्रमुख की हत्या के बाद प्रतिशोध के रूप में हिंसा शुरू हुई। उन्होंने दावा किया कि पांच घरों में आग लगा दी गई और लोग बाहर नहीं निकल पाएं, इसके लिये बाहर से दरवाजे पर ताला लगा दिया गया। इस घटना में मारे गए लोगों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी शामिल हैं। भाजपा सांसद ने इस घटना में कई लोगों के लापता होने का भी दावा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले एक हफ्ते में ही राजनीतिक हिंसा में कई लोगों के मारे जाने की खबरें हैं। मजूमदार ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो चुकी है और विधानसभा चुनाव के बाद से राजनीतिक हिंसा जारी है। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार को संविधान के तहत प्रदत्त अधिकार एवं उसके उचित अनुच्छेद का प्रयोग करते हुए हस्तक्षेप करना चाहिए।

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तृणमूल ने किया खंडन

इन आरोपों का खंडन करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि बीरभूम जिले में जो कुछ भी हुआ है, उसका राजनीतिक संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है तथा इस घटना के सिलसिले में राज्य की पुलिस ने अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने भाजपा से इस मामले में राजनीति नहीं करने को कहा। बंदोपाध्याय ने कहा कि उन्होंने इस घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए समय मांगा है। गौरतलब है कि अमित शाह ने इस मामले में मंगलवार को भाजपा सांसदों के एक शिष्टमंडल से मुलाकात की थी।

शिक्षा बजट में भारी वृद्धि

इसके अलावा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में शिक्षा की हिस्सेदारी बढाए जाने की जरूरत पर विभिन्न दलों द्वारा बल दिए जाने के बीच सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि आगामी वित्त वर्ष के बजट में शिक्षा मंत्रालय को उसकी गतिविधियों के लिए पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड आवंटन किया गया है। शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आगामी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए शिक्षा मंत्रालय को अपनी गतिविधियों के लिए पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड बजट आवंटित किया गया है।

महंगाई के मुद्दे पर हंगामा

इसके अलावा बुधवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने पेट्रोल, डीजल और घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतों में वृद्धि एवं बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर भारी हंगामा किया जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होने के करीब 40 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश की आजादी के संग्राम में महान सेनानी भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के बलिदान को याद किया और सदन ने कुछ पल मौन रखकर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने का निर्देश दिया, वैसे ही कांग्रेस, द्रमुक तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य ईंधन की कीमतों में वृद्धि एवं महंगाई का मुद्दा उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने अपने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं जिन पर ईंधन की कीमतों में वृद्धि एवं महंगाई का मुद्दा उठाया गया था। तेलंगाना राष्ट्र समिति, बसपा और सपा के सदस्यों को अपने स्थान से ही इस विषय को उठाते देखा गया। लोकसभा अध्यक्ष ने हालांकि शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया। इस दौरान सदस्यों ने इस्पात, रेल, कपड़ा और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से जुड़े पूरक प्रश्न पूछे और संबंधित मंत्रियों ने इनके जवाब भी दिये। इस बीच, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ‘‘इन्हें (विपक्षी सदस्यों को) जनता ने इनका उचित स्थान दिखा दिया है। प्रश्नकाल में जनता से जुड़े मुद्दे उठाये जाते हैं और इसलिये शांति बनाये रखना चाहिए।’’ इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी न केवल अपनी पार्टी के सदस्यों को बल्कि अन्य विपक्षी दलों के सांसदों को प्रश्नकाल में भाग नहीं लेने तथा पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करने का संकेत देती दिखीं।

राज्यसभा में भी हंगामा

वहीं राज्यसभा में भी विपक्ष ने भारी हंगामा किया जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही आरंभ होने के 10 मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने शहीद दिवस का उल्लेख किया और भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु सहित स्वतंत्रता आंदोलन में कुर्बानी देने वाले तमाम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीदों के सम्मान में सदस्यों ने कुछ देर मौन भी रखा। सभापति ने इसके बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और बताया कि पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, खाद्य तेलों और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को लेकर समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और शक्ति सिंह गोहिल सहित कुछ अन्य सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं। सारे नोटिस को अस्वीकार करते हुए उन्होंने विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा कि अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान वह इस मुद्दे को उठा सकते हैं। इस पर विरोध जताते हुए, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी दलों सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।

सुप्रिया सुले का सुझाव

इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने हाल में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैसों के दामों में वृद्धि को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के समय महंगाई पर लगाम रहती है तो देश में ‘हर महीने एक चुनाव कराया जाना चाहिए’ ताकि जनता को महंगाई का दंश नहीं झेलना पड़े। राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने लोकसभा में शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा कि महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस का लाभ देने वाली सरकार ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम फिर से बढ़ा दिये हैं। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई से जनता का बुरा हाल है।

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निर्मला सीतारमण का बयान

इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां आतंकवादी गतिविधियों में कमी आयी है तथा निवेश के लिए माहौल बना है। जम्मू कश्मीर के बजट और उससे संबंधित अनुदान की अनुपूरक मांगों पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में 890 केंद्रीय कानूनों को लागू किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जिन्हें पहले वहां कोई अधिकार नहीं थे, अब वे सरकारी नौकरी पा सकते हैं और भूमि खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 250 भेदभावकारी राज्य कानूनों को हटा दिया गया है और 137 कानूनों में संशोधन किया गया है।

जम्मू-कश्मीर के बजट को मंजूरी

इसके अलावा संसद ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के 1.42 लाख करोड़ रूपये के बजट को बुधवार को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने आज इस बजट को चर्चा के बाद ध्वनिमत से लौटा दिया। लोकसभा इसे 14 मार्च को ही मंजूरी दे चुकी है।

कोंकण रेलवे पर बयान

इसके अलावा सरकार ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि उसके पास कोंकण रेलवे का भारतीय रेलवे में विलय करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। निचले सदन में एक सदस्य के पूरक प्रश्न के उत्तर में रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे पाटिल ने कहा कि कोंकण रेलवे एक निगम (सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई) है और केंद्र सरकार उसकी हमेशा मदद करता है।

विदेशी मूल के कैदी

इसके अलावा सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि देश भर की विभिन्न जेलों में विदेशी मूल के 4926 कैदी बंद हैं जिनमें 1140 कैदियों की विभिन्न मामलों में दोषसिद्धि हो चुकी है। गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने उच्च सदन में पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी देश की विभिन्न जेलों में विदेशी मूल के विचाराधीन कैदियों की संख्या 3467 है।

सोनिया गांधी का आग्रह

इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को लोकसभा में सरकार से आग्रह किया कि कोविड-19 के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों के खुलने के बाद अब मध्याह्न भोजन की व्यवस्था फिर से आरंभ की जाए ताकि बच्चों को गर्म और पका हुआ पौष्टिक भोजन मिल सके। उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया। सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘महामारी आरंभ होने के बाद हमारे बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। स्कूल सबसे पहले बंद हुए और सबसे आखिर में खुले। इस दौरान मध्याह्न भोजन बंद हो गया था।’’ उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए सूखा राशन, पौष्टिक भोजन का कोई विकल्प नहीं है।

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सिंधिया का स्पष्टीकरण

इसके अलावा देश के कुछ हवाई अड्डों को ‘बेचने या उनका विनिवेश करने’ के विपक्षी दलों के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि देश में छह हवाई अड्डों को पट्टे की व्यवस्था के आधार पर निजी क्षेत्र को दिया गया है जिससे सरकार को 64 प्रतिशत अधिक राशि प्राप्त होगी और इसका उपयोग राज्यों में हवाई अड्डों के विकास पर किया जायेगा। मंत्री ने बताया कि देश में दो नयी एयरलाइन-जेट और आकाशा शुरू होने जा रही हैं और 2025 तक देश में 42 नये ब्राउनफील्ड और 3 नए ग्रीनफिल्ड हवाई अड्डे स्थापित किये जायेंगे।

6 राज्य उप-जातियों के पुन: वर्गीकरण के पक्ष में

सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि उप-जातियों के पुन: वर्णीकरण की सिफारिश पर प्रतिक्रिया देने वाले 20 राज्यों में से केवल छह ने उप-वर्गीकरण का समर्थन किया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब देते हुए यह जानकारी दी। मंत्री से सवाल किया गया था कि क्या सरकार के पास आंध्र प्रदेश में मडिगा और रेली समुदायों को आरक्षण के भीतर आरक्षण मुहैया कराने का कोई प्रस्ताव है। इसके जवाब में नारायणस्वामी ने कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है।

जांच आयोग की मांग

भारतीय जनता पार्टी के सांसद अरविंद शर्मा ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि अतीत में जम्मू-कश्मीर के पंडितों और अन्य लोगों के साथ जो हुआ, उसकी वास्तविकता जानने के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन होना चाहिए। उन्होंने संसद के निचले सदन में शून्यकाल के दौरान यह मांग उठाई। हरियाणा के रोहतक से लोकसभा सदस्य ने कहा कि देश की अखंडता के लिए अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अब हम अलग-अलग माध्यम से देख रहे हैं कि कश्मीरी पंडितों, गुर्जरों और अन्य लोगों के साथ क्या अन्याय हुआ था...सरकार से आग्रह है कि उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग बनाया जाए ताकि पता चल सके कि वास्तव में क्या हुआ था।’’

विपक्ष ने सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने का आरोप लगाया

विपक्षी दलों के सदस्यों ने मध्यम एवं छोटे उद्योगों की मदद से जुड़ी सरकार की नीति पर सवाल खड़े करते हुए बुधवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि सरकार को सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने में हिचक नहीं है। दूसरी तरफ, सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया के सबसे तेजी से विकास करते देशों में शामिल हो गया है। लोकसभा में ‘वर्ष 2022-23 के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा’ की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के एंटो एंटनी ने कहा कि सरकार निर्यात के लिए बड़े लक्ष्य निर्धारित करती है, लेकिन उसको पूरा करने के लिए जरूरी कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चाय, कॉफी, मसाले की पैदावार करने वाले किसानों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। एंटनी के अनुसार, रबर अधिनियम के स्थान पर दूसरा अधिनियम लाने के पीछे रबर बोर्ड को कमजोर करने की मंशा लगती है। उन्होंने कहा, ''चाय, कॉफी और मसालों की खेती करने वाले किसान मुश्किल का सामना कर रहे हैं। उत्पादन की लागत बढ़ गई है, लेकिन फसल की पूरी कीमत नहीं मिल पा रही है।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘प्राकृतिक रबर के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएं...सरकार से आग्रह है कि प्राकृतिक रबर के आयात को सीमित किया जाए।’’

चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के शिवकुमार उदासी ने कहा कि संप्रग सरकार में नीतिगत पंगुता थी जिसका असर निर्यात पर पड़ता था, लेकिन इस सरकार में आर्थिक सुधार किए गए जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि पहले लाइसेंस राज था, लेकिन अब कारोबारी सुगमता के मामले में देश ने लंबी छलांग लगाई है। उदासी ने कहा कि आज ‘यूनीकॉर्न’ (एक अरब डॉलर की कंपनी) की संख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। उनके मुताबिक, सरकार का बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाना दिखाता है कि सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा सांसद ने कहा कि सरकार के कदमों के चलते भारत धीमी गति से विकास करती अर्थव्यवस्था से सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते स्टार्टअप की संस्कृति बढ़ रही है। उदासी ने केंद्र सरकार के कई कदमों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘एक नेता वो होता है जो अगले पांच साल के लिए चिंतित रहता है, लेकिन जो दूरदर्शी नेता होता है वो अगली पीढ़ी के लिए सोचता है...प्रधानमंत्री मोदी सामाजिक, राजनीति, सांस्कृतिक और आर्थिक वैज्ञानिक हैं। वह देश की आकांक्षाओं की चिंता करते हैं।’’ 

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