गांधी परिवार के बाद कांग्रेस का सबसे ताक़तवर शख़्स चला गया, सोनिया के खास घेरे में हैं अब कौन से कांग्रेस नेता

Congress
अभिनय आकाश । Nov 26 2020 8:10PM

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी के साथ काम कर चुके अहमद पटेल कांग्रेस की पांच दशक की हर पर्त मे शामिल थे। उन्होंने राजनीति में आने से हिचकने वाली सोनिया गांधी को राजनीति गुर सिखाये थे। पटेल की मृत्यु के बाद कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है।

1977 के आम चुनाव में इंदिरा विरोधी लहर में कांग्रेस की बुरी हार हुई तो एक राजनेता चुनाव जीतकर संसद पहुंचने में कामयाब रहे थे और उनका नाम अहमद पटेल। राज्यसभा चुनाव कब होते हैं और कब इसके परिणाम घोषित हो जाते हैं किसी को पता भी नहीं चलता। बशर्ते अहमद पटेल न लड़ रहे हो और उनको हराने के लिए अमित शाह फिल्डिंग न सजा रहे हो। 2017 में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा में कांटेदार जंग हुई थी। इस चुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस के अहमद पटेल और बीजेपी के अमित शाह के बीच में था, जो पूरी रात तक चलता रहा लेकिन अंत में अहमद पटेल को जीत नसीब हुई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का निधन हो गया है। कोरोना वायरस से पीड़ित होने के बाद उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। जिसके बाद बीते दिनों उनकी मृत्यु हो गई। 71 साल के कांग्रेस नेता अहमद पटेल को भरूच जिले के उनके पैतृक गांव की मिट्टी में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है।

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 पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी के साथ काम कर चुके अहमद पटेल कांग्रेस की पांच दशक की हर पर्त मे शामिल थे। उन्होंने राजनीति में आने से हिचकने वाली सोनिया गांधी को राजनीति गुर सिखाये थे। पटेल की मृत्यु के बाद कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है। इतनी बड़ी जगह भर पाना मुश्किल नहीं नामुमकिन है। 21 अगस्त 1949 को अहमद पटेल का जन्म गुजरात में हुआ था। अहमद पटेल तीन बार लोकसभा के चुनाव में जीत हासिल कर चुके थे। इसके अलावा 5 बार राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं। 1977 में 28 साल की उम्र में पहली बार भरूच से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।

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 कांग्रेस के संकटमोचन

2014 के बाद से, जब कांग्रेस ताश के महल की तरह बिखरने लगी है तब भी अहमद पटेल मज़बूती से खड़े रहे और महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और धुर विरोधी शिवसेना को भी साथ लाने में कामयाब रहे। राजीव गांधी के गुड बुक में आने के बाद वह ताउम्र गांधी परिवार के सबसे विश्वासी बन गए। जब नब्बे के दशक में नरसिंह राव और सोनिया गांधी की दूरी बन गयी तो अहमद पटेल उसे पाटने के लिए पुल बनते थे। बाद में जब सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति में आयी और पार्टी अध्यक्ष बनी तो दूसरे नेताओं तक पहुंचने के लिए वह पुल बने।

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 सोनिया गांधी कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम कार्यरत हैं। जो लोग उनके खास सिपहसलार हैं, वो कांग्रेस के पुराने नेता हैं, इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंथनी, अंबिका सोनी शामिल हैं। अहमद पटेल का कद इनमें भी सबसे बड़ा था। वो सोनिया के बड़े संकटमोचक माने जाते थे। पार्टी के कोषाध्यक्ष भी थे। उनके जाने के बाद अशोक गहलोत अब इनर सर्किल के खास बन सकते हैं। अशोक गहलौत उन नेताओं में हैं, जिन पर गांधी परिवार बहुत भरोसा करता है और उनमें जोड़तोड़ के साथ जबरदस्त रणनीतिकार के साथ बेहतर संगठन क्षमता का भी अनुभव है। 


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