आखिर क्या है दिल्ली की स्कूलों के खुशियों की पाठशाला, जिसे देखने पहुंचीं मेलानिया ट्रंप

after-all-the-school-of-happiness-in-delhi-schools-which-melania-trump-reached
अभिनय आकाश । Feb 25, 2020 12:23PM
दिल्ली सरकार के इस ‘हैप्पीनेस’ मॉडल को लेकर देशभर में ज्ञिज्ञासा है। इसके तहत अभी तक कई राज्य इस मॉडल को देखने के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूलों का भ्रमण कर चुके हैं। बताया जाता है कि 12 से अधिक राज्यों के प्रतिनिधियों ने स्कूलों का भ्रमण किया।

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के बीच उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप का दिल्ली के सरकारी स्कूलों में भ्रमण का कार्यक्रम चर्चा में केंद्र बना हुआ है। इसमें मेलानिया ट्रंप विशेष रूप से ‘हैप्पीनेस’ कक्षाओं में शामिल शामिल हुई। ऐसा नहीं है कि विश्वभर में ‘हैप्पीनेस’ स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं हो। लेकिन भारत दौरे पर आईं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी मेलानिया दिल्ली के नानकपुरा में स्थित सर्वोदय विद्यालय में पहुंची जहां पर बच्चियों ने मेलानिया को तिलक लगाया और आरती उतारकर उनका स्वागत किया। इस कार्यक्रम में मेलानिया अकेले पहुंची हैं और वो सरकारी स्कूल के बच्चों के साथ वक्त बिताएंगी और देखेंगी कि केजरीवाल सरकार का ये हैप्पीनेस बच्चों को कैसे टेंशन फ्री रखता है और पढ़ाई को बेहद रोचक अंदाज में उनके सामने प्रस्तुत करता है। आइए आपको दिल्ली सरकार के हैप्पी क्लास के बारे में विस्तार से बताते हैं।

क्या है खुशियों की क्लास

दिल्ली सरकार ने वर्ष 2018 से सरकारी स्कूलों में इस पाठ्यक्रम को शुरू करने की घोषणा की थी। उस दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने इस पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया था। बीते एक साल से सरकारी स्कूलों में प्रतिदिन कक्षाओं की शुरुआत ही ‘हैप्पीनेस’ की कक्षाओं से होती है। इस पाठ्यक्रम को शुरू करने के पीछे के उद्देश्य के पीछे बताया जाता है कि ‘हैप्पीनेस’ इंडेक्स में भारत की स्थिति को देखते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह फैसला लिया था।

12 राज्य के प्रतिनिधि देखने आ चुके हैं

दिल्ली सरकार के इस ‘हैप्पीनेस’ मॉडल को लेकर देशभर में ज्ञिज्ञासा है। इसके तहत अभी तक कई राज्य इस मॉडल को देखने के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूलों का भ्रमण कर चुके हैं। बताया जाता है कि 12 से अधिक राज्यों के प्रतिनिधियों ने स्कूलों का भ्रमण किया है, जिसमें उत्तराखंड, तेलांगना, झारखंड, आंध्रा प्रदेश जैसे राज्य प्रमुख हैं।

क्या है उद्देश्य 

पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में विवेक विकसित करना, उनके दिलो-दिमाग को वर्तमान पर केंद्रित करना, सकारात्मक बनाना और उन्हें कृतज्ञता का भाव विकसित करना है। इसके लिए इस पूरे पाठ्यक्रम को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है। इसमें माइंडफुलनेस, कहानी और गतिविधियां शामिल हैं। 

45 मिनट की होती है क्लास

हैप्पीनेस करीकुलम की ये क्लास नर्सरी से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों के लिए है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रतिदिन 45 मिनट की हैप्पीनेस क्लास लगाई जाती है. 1026 स्कूलों के 8 लाख स्टूडेंट्स और 21,000 टीचर्स हैपीनेस क्लास से जुड़े हैं और आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।

अन्य न्यूज़