अखिलेश ने बेरोजगारी और मायावती ने प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर सरकार को घेरा

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बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण बेरोजगार तथा बेसहारा होकर जैसे-तैसे हजारों किलोमीटर दूर घर वापसी करते समय नियमों का अक्षरशः पालन नहीं कर पाने वाले मजलूम प्रवासी श्रमिकों के विरूद्ध जो मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लेने का उच्चतम न्यायालय का आदेश सही, सामयिक और सराहनीय है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर राज्य सरकार को अपनी-अपनी तरह से घेरा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, उत्तर प्रदेश में आज बेरोज़गारी आत्महत्याओं के रूप में एक भयावह समस्या बन गयी है। कोरोना के सच को झुठलाकर चुनाव में व्यस्त हो गयी भाजपा बेरोज़गारी तथा भुखमरी को जब समस्या ही नहीं मान रही है तो समाधान क्या करेगी।

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उन्होंने कहा, बिहार चुनाव आते ही कुछ दिनों बाद तो प्रदेश के ‘स्टार प्रचारक’ भी उड़ चलेंगे। इस बीच, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण बेरोजगार तथा बेसहारा होकर जैसे-तैसे हजारों किलोमीटर दूर घर वापसी करते समय नियमों का अक्षरशः पालन नहीं कर पाने वाले मजलूम प्रवासी श्रमिकों के विरूद्ध जो मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस लेने का उच्चतम न्यायालय का आदेश सही, सामयिक और सराहनीय है। उन्होंने कहा कि घर वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य में उनकी योग्यता का आकलन करके रोजगार की व्यवस्था करने सम्बंधी न्यायालय के निर्देश का भी भरपूर स्वागत है। मायावती ने कहा कि इस सम्बन्ध में अब सरकारों को गंभीर तथा संवेदनशील होकर ठोस कार्रवाई अविलम्ब शुरू कर देनी चाहिए, यह बसपा की माँग है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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