मेरठ, हस्तिनापुर के पांडव टीले पर एएसआइ द्वारा किये जा रहे उत्खनन में मिले प्राचीन अवशेष
हस्तिनापुर के पांडव टीले पर मंगलवार को दो दिन पूर्व प्रारंभ किए ट्रैंच पर उत्खनन का कार्य किया गया। पूर्व में मिले हड्डियों के जखीरे का विशेषज्ञों द्वारा जांच के लिए सैंपल भी लिया गया है। उत्खनन में मिले अवशेषों की काल गणना के लिए गहनता से जांच की जा रही है।
मेरठ,हस्तिनापुर के पांडव टीले पर मंगलवार को दो दिन पूर्व प्रारंभ किए ट्रैंच पर उत्खनन का कार्य किया गया। पूर्व में मिले हड्डियों के जखीरे का विशेषज्ञों द्वारा जांच के लिए सैंपल भी लिया गया है। उत्खनन में मिले अवशेषों की काल गणना के लिए गहनता से जांच की जा रही है।
महाभारतकालीन पांडव टीले पर एएसआइ (भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण) द्वारा उत्खनन का कार्य पिछले डेढ़ माह से चल रहा है। इस दौरान काफी प्राचीन अवशेष प्राप्त हो चुके हैं। एक साइट पर एक ब्लाक में टेराकोटा रिंगवेल मिली है, वहीं उसी में अधिक गहराई तक पहुंचने पर रेत की परत भी मिली है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां पौराणिक समय में गंगा में बाढ़ आई होगी। दूसरी साइट पर चल रहे उत्खनन में काफी गहराई पर एक चौड़ी ईटों की दीवार मिली है। इसी साइट पर काफी हड्डी भी मिल रही हैं। मंगलवार को भी हडिडयां मिली हैं। सभी अवशेषों को जांच के लिए सुरक्षित कर लिया गया है।
एएसआइ के अधीक्षण पुरातत्वविद डा. डीबी गणनायक ने बताया कि मंगलवार को पुणे से विशेषज्ञ यहां पहुंचे हैं। जिन्होंने हड्डियों के सैंपल लिए। साथ ही दिल्ली से भी एक पुरातत्वविद ने यहां पहुंचकर साइट के बारे में जानकारी आदान-प्रदान की। सभी अवशेषों को सुरक्षित किया जा रहा है। जिनके बारे में गहनता से विशेषज्ञों द्वारा जांच की जाएगी। इसके पश्चात ही सही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। उधर, अपर आयुक्त चैत्रा वी. व तहसीलदार मवाना आकांक्षा जोशी भी पांडव टीला पर पहुंचीं। अधिकारियों ने डा. गणनायक से उत्खनन कार्य की जानकारी ली।
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