भारत-विरोधी बौद्धिकता आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है: जितेन्द्र सिंह

यहां डिग्री कॉलेज में एक सत्र को संबोधित करते हुए सिंह ने दावा किया कि भारत-विरोधी बौद्धिकता कुछ विफल विद्वानों और विफल शिक्षाविदों के लिए समय बिताने का एक पसंदीदा काम बन गया है।
जम्मू। केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी बौद्धिकता को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस तरह की बौद्धिकता के लिए कोई जगह नहीं है क्योंकि यह विफल विद्वानों और विफल शिक्षाविदों के लिए समय बिताने के लिए एक पसंदीदा काम बन गया है। सिंह ने सोमवार को आरोप लगाया, ‘‘भारत-विरोधी बौद्धिकता आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। भारत विरोधी बौद्धिकता के लिए कोई स्थान नहीं है।’’
#ConstituencyUpdate: Interaction with #Udhampur academic fraternity: "Anti-India intellectualism has become favorite pastime for some failed scholars and academicians who use Kashmir as convenient subject to seek intellectual pretensions". pic.twitter.com/IG4KN9H6JG
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) February 25, 2019
यहां डिग्री कॉलेज में एक सत्र को संबोधित करते हुए सिंह ने दावा किया कि भारत-विरोधी बौद्धिकता कुछ विफल विद्वानों और विफल शिक्षाविदों के लिए समय बिताने का एक पसंदीदा काम बन गया है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि अमेरिका जैसे विकसित लोकतंत्रों में भी इस तरह की बौद्धिक युद्धोन्माद को कोई स्थान नहीं दिया जाता है, जो राष्ट्र को बर्बाद करने की क्षमता रखती है।
सिंह ने आरोप लगाया कि इस तरह के तथाकथित बुद्धिजीवी बौद्धिक आतंकवाद को फैलाने के असल दोषी है। मंत्री ने कॉलेज परिसरों में कई नये अकादमिक ब्लाक और एक नये स्मार्ट क्लासरूम परिसर का भी उद्घाटन किया।
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