हाईकोर्ट के फैसले पर बोले अनुराग ठाकुर, सरकार का दायित्व जनता की सेवा करना है, ना की हिंसा फैलाना
कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा राज्य सरकार के संरक्षण में हुई। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश ने सरकार की पोल खोल दी है। हम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं।
पश्चिम बंगाल चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच कलकत्ता हाई कोर्ट में सीबीआई को सौंपी है। इसको लेकर अब राजनीति तेज हो गई है। इसी बहाने भाजपा ममता बनर्जी की सरकार पर हमला कर रही है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वहां(पश्चिम बंगाल) सरकार को दायित्व मिला है जनता की सेवा करने का, ना की हिंसा फैलाने का। हिंसा नहीं होनी चाहिए। जहां से स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आए, उस राज्य को हिंसा के लिए जाना जाए तो इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा?
वहीं कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा राज्य सरकार के संरक्षण में हुई। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश ने सरकार की पोल खोल दी है। हम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने कहा कि क़ानून-व्यवस्था राज्य का अधिकार है अगर उसमें CBI आ जाएगी तो राज्य का अधिकार घट जाएगा। हम इसके ख़िलाफ हैं। मुझे लगता है कि राज्य सरकार इस पर सोच-विचार करेगी और इसके ख़िलाफ अपील भी करेगी।वहां(पश्चिम बंगाल) सरकार को दायित्व मिला है जनता की सेवा करने का, ना की हिंसा फैलाने का। हिंसा नहीं होनी चाहिए। जहां से स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आए, उस राज्य को हिंसा के लिए जाना जाए तो इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर https://t.co/povLt2Vjay pic.twitter.com/dj08IMajlG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 19, 2021
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आपको बता दें कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद कथित हिंसा के मामले में हत्या एवं बलात्कार जैसे गंभीर मामलों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिन्दल की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने चुनाव के बाद कथित हिंसा के संबंध में अन्य आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का भी आदेश दिया।
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