'नैतिक और राजनीतिक हार के बाद भी अहंकार कायम है', NEET, Manipur, Bengal Train Accident को लेकर मोदी पर बरसे खड़गे
अपने एक्स पोस्ट में खड़गे ने लिखा कि पीएम मोदी ने आज सामान्य से अधिक लंबा संबोधन किया। जाहिर है, नैतिक और राजनीतिक हार के बाद भी अहंकार कायम है! देश को उम्मीद थी कि मोदी जी कई अहम मुद्दों पर कुछ बोलेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को लोकसभा सत्र से पहले मीडिया को अपने संबोधन में आपातकाल का जिक्र करने लेकिन एनईईटी 'पेपर लीक' मामले, मणिपुर हिंसा या पश्चिम बंगाल ट्रेन दुर्घटना पर नहीं बोलने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। खड़गे ने पीएम पर "प्रथागत शब्दों" का अत्यधिक उपयोग करने का आरोप लगाया, जबकि देश प्रासंगिक मुद्दों पर उनकी टिप्पणियों का इंतजार कर रहा है। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में बहुमत हासिल करने में भाजपा की विफलता का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी "नैतिक और राजनीतिक हार" के बावजूद "अहंकार बना हुआ है"।
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अपने एक्स पोस्ट में खड़गे ने लिखा कि पीएम मोदी ने आज सामान्य से अधिक लंबा संबोधन किया। जाहिर है, नैतिक और राजनीतिक हार के बाद भी अहंकार कायम है! देश को उम्मीद थी कि मोदी जी कई अहम मुद्दों पर कुछ बोलेंगे। उन्होंने कहा कि नीट और अन्य भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक को लेकर वह युवाओं के प्रति कुछ सहानुभूति दिखाएंगे, लेकिन उन्होंने अपनी सरकार में हुई भारी धांधली और भ्रष्टाचार के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं ली। मोदी जी पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई ट्रेन दुर्घटना और रेलवे के घोर कुप्रबंधन पर भी चुप रहे। मणिपुर पिछले 13 महीनों से हिंसा की चपेट में है, लेकिन मोदी जी ने न तो राज्य का दौरा करने की जहमत उठाई और न ही आज अपने भाषण में ताज़ा हिंसा पर कोई चिंता व्यक्त कीय़
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि असम और पूर्वोत्तर में बाढ़ हो, कमरतोड़ महंगाई हो, रुपये की ऐतिहासिक गिरावट हो, या एग्जिट पोल-स्टॉक मार्केट घोटाला हो, मोदी जी मौन हैं। मोदी सरकार ने अगली जनगणना को काफी समय तक लटकाए रखा, जातीय जनगणना पर भी पीएम मोदी पूरी तरह चुप रहे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी जी, आप विपक्ष को सलाह दे रहे हैं। आप हमें 50 साल पुराने आपातकाल की याद दिला रहे हैं, लेकिन पिछले 10 साल के अघोषित आपातकाल को भूल गए हैं, जिसे लोगों ने खत्म कर दिया था।
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उन्होंने कहा कि जनता ने मोदी जी के ख़िलाफ़ अपना जनादेश दिया है। इसके बावजूद अगर वह प्रधानमंत्री बन गये हैं तो उन्हें काम करना चाहिए। "लोगों को नारों की नहीं, सार की ज़रूरत है" - इसे आप स्वयं याद रखें। उन्होंने कहा कि विपक्ष और भारत जनबंधन संसद में आम सहमति चाहते हैं, हम जनता की आवाज सदन में, सड़क पर और सबके सामने उठाते रहेंगे। हम संविधान की रक्षा करेंगे! भारतीय लोकतंत्र जिंदाबाद!
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