मोदी सरकार में तीसरी बार मंत्री बने अठावले, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का मिला दायित्व
देश में दलित राजनीति के प्रमुख चेहरों में शुमार और राज्यसभा सांसद रामदास अठावले को एनडीए सरकार में लगातार तीसरी बार जगह दी गई है। उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया है। इससे पहले भी वे मोदी सरकार इसी मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
देश में दलित राजनीति के प्रमुख चेहरों में शुमार और राज्यसभा सांसद रामदास अठावले को एनडीए सरकार में लगातार तीसरी बार जगह दी गई है। उन्हें सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का राज्य मंत्री बनाया गया है। इससे पहले भी वे मोदी सरकार इसी मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। महाराष्ट्र से आने वाले रामदास अठावले अपनी चर्चित कविताओं के जरिए सांसद का माहौल खुशनुमा बनाए रखने का प्रयास भी हमेशा करते रहे हैं।
अठावले का जन्म 25 दिसंबर 1959 को महाराष्ट्र के सांगली जिले में हुआ था और वे एक दलित परिवार से संबंध रखते हैं। भारतीय समाज में दलितों के उत्थान के लिए उनके परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। रामदास अठावले ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा महाराष्ट्र से पूरी की और राजनीति में कूद पड़े। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1970 के दशक में की थी। वह भारतीय रिपब्लिकन पार्टी (आठवले) के सदस्य बने और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने लगे। उनके नेतृत्व और समर्पण ने उन्हें महाराष्ट्र समेत पूरे देश का एक प्रमुख दलित चेहरा बना दिया।
उन्होंने 1998 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और मुंबई उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने। इसके बाद आठवले ने 1999, 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। सांसद के रूप में उन्होंने दलितों और अन्य वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए कई महत्वपूर्ण विधेयकों का समर्थन किया और संसद में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करवाई। अठावले को 2016 में नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता का राज्य मंत्री बनाया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने दलितों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम चलाए। इसके साथ ही उन्होंने समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए कई महत्वपूर्ण नीतिगत सुधारों का समर्थन भी किया।
रामदास आठवले रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के संस्थापक अध्यक्ष हैं। यह पार्टी विशेष रूप से दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा और उनकी सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में सुधार के लिए काम करती है। आठवले के नेतृत्व में पार्टी ने महाराष्ट्र और देशभर में दलितों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण अभियानों का संचालन किया था। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के अलावा सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके नेतृत्व और समर्पण ने उन्हें एक प्रेरणादायक नेता बनाया है। उनके कार्य और विचार अठावले के मजबूत नेतृत्व की पहचान है और भविष्य में भी वे राज्य और देश की सेवा में अग्रसर रहेंगे।
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