अयोध्या में सुविधाओं की मांग पर जल्द सुनवाई से इंकार

[email protected] । Apr 5 2016 4:01PM

उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या के विवादित स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की मांग करने वाली सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर जल्द सुनवाई से आज इंकार कर दिया।

उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या के विवादित स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की मांग करने वाली भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर जल्द सुनवाई से आज इंकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘आप (स्वामी) महज एक पक्ष हैं और आपकी याचिका दूसरे असंतुष्ट पक्षों के साथ ही सुनी जाएगी।’’ स्वामी ने पीठ के समक्ष मामला रखते हुए कहा कि इस विवादित स्थल पर जाने वाले श्रद्धालुओं को पीने का पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रहीं। इस पीठ में न्यायाधीश यूयू ललित भी थे।

इससे पहले शीर्ष अदालत ने स्वामी से कहा था कि वह अपना मामला प्रधान न्यायाधीश के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए रखें। शीर्ष अदालत ने पिछले साल केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से कहा था कि वे ‘राम जन्मभूमि’ स्थल पर तीर्थयात्रियों के लिए मौजूदा परिदृश्य में व्यावहारिक बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर गौर करें।

न्यायालय ने कहा था, ‘‘कुछ कीजिए। यदि संभव हो तो स्थान की मरम्मत और आगंतुकों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कुछ कीजिए।’’ इससे पहले न्यायालय ने केंद्र से कहा था कि वह तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं की मांग करने के लिए दायर स्वामी की याचिका पर जवाब दाखिल करे। स्वामी ने अपनी याचिका में कहा था कि भगवान राम के भक्त तीर्थयात्रियों को पीने का पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिलतीं और उन्हें केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए अपर्याप्त प्रबंधों के कारण मुश्किल का सामना करना पड़ता है। स्वामी ने कहा था कि शीर्ष अदालत की ओर से वर्ष 1996 में यथास्थिति बनाए रखने का जो आदेश जारी किया गया था, वह विवादित स्थल पर किसी संरचना के निर्माण को रोकने तक सीमित था। इस याचिका में उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा कि चूंकि लाखों हिंदू तीर्थयात्री अयोध्या में ‘राम जन्मभूमि’ के दर्शन करने और पूजा करने जाते हैं इसलिए वहां सुविधाओं में सुधार के लिए आदेश जारी किया जाना चाहिए।
 

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