भाजपा के बल्लामार विधायक आकाश विजयवर्गीय को मिली जमानत

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[email protected] । Jun 29 2019 7:18PM

विधायक विजयवर्गीय के वकील पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि भोपाल की विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुरेश सिंह ने आकाश विजयवर्गीय की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई के बाद दोनों मामलों में उन्हें 20-20 हजार रूपये के मुचलके परजमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।

भोपाल। इन्दौर नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने के बहुचर्चित मामले में गिरफ्तार हुए भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय (34) को भोपाल की विशेष अदालत ने शनिवार को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा अदालत ने उन्हेंएक अन्य मामले में भी जमानत दे दी है। दोनों मामलों में उन्हेंमें 20-20 हजार रूपये के मुचलके पर जमानत मिली है। विधायक विजयवर्गीय के वकील पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि भोपाल की विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुरेश सिंह ने आकाश विजयवर्गीय की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई के बाद दोनों मामलों में उन्हें 20-20 हजार रूपये के मुचलके परजमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।

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इन्दौर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी थी तथा उन्हें सलाह दी थी कि इस हेतु वह प्रदेश के सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिये निर्धारित की गई भोपाल की विशेष अदालत में अपील करें। इसके अगले ही दिन शुक्रवार को आकाश के वकीलों ने उनकी जमानत के लिये भोपाल की विशेष अदालत का रुख किया। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर विभिन्न प्रदशों में सांसदों और विधायकों के मामलों पर त्वरित सुनवाई के लिये विशेष अदालतों का गठन किया गया है।

भार्गव ने कहा कि उन्होंने विशेष अदालत में अपने मुवक्किल के लिये जमानत की अपील की है क्योंकि वह निर्दोष है। उन्होंने बताया कि याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने उनकी छवि खराब करने के लिए आकाश को झूठा फंसाया है और उनका (भाजपा विधायक का) अपराधों से कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के दौरान विवाद के बाद भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने 26 जून को इन्दौर में नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था। आकाश भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं और नवंबर 2018 का विधानसभा चुनाव में इन्दौर-3 विधानसभा सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने हैं।

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कैमरे में कैद पिटाई कांड में पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आकाश को बुधवार को इन्दौर के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) के समक्ष पेश किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद भाजपा विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी और उसे 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। इसके बाद पुलिस द्वारा न्यायिक हिरासत के तहत इन्दौर की जेल में बंद भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के पुराने मामले में बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। 

एमजी रोड थाने के प्रभारी राजेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि पुलिस की टीम आजाद नगर स्थित जिला जेल गयी थी और वहां बंद भाजपा विधायक को भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा) के तहत कुछ दिन पहले दर्ज मामले में औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। 

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