Bihar Election 2025: पहले चरण में NDA और महागठबंधन में कांटे की टक्कर, अब किसका खेल बिगाड़ेंगे प्रशांत किशोर के जन स्वराज

prashant kishor
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Ankit Jaiswal । Oct 9 2025 9:23PM

बिहार चुनाव 2025 के पहले चरण में NDA और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर होने का अनुमान है, लेकिन प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (JSP) के मैदान में उतरने से समीकरणों में बड़ा बदलाव आ सकता है। बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर केंद्रित जन सुराज, पारंपरिक दलों से असंतुष्ट मतदाताओं के वोट काटकर कई सीटों पर प्रत्याशियों की जीत-हार तय कर सकती है, जिससे बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे अप्रत्याशित हो सकते हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर वोटिंग होना है। इन सीटों पर सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 में भी दोनों के बीच मुकाबला बेहद करीबी था तब महागठबंधन ने 61 और एनडीए ने 59 सीटें जीती थीं। एक सीट, बेगूसराय की मटिहानी, लोक जनशक्ति पार्टी के खाते में गई थी, लेकिन बाद में उसके विधायक राजकुमार सिंह जेडीयू में शामिल हो गए।

इस बार तस्वीर में एक नया नाम  प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (JSP) भी जुड़ गया है। पिछले साल गांधी जयंती के दिन लॉन्च हुई यह पार्टी ‘स्कूल बैग’ को चुनाव चिह्न बनाकर बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और पलायन जैसे मुद्दों पर चुनावी मैदान में उतरी है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जन सुराज कुछ सीटों पर समीकरण बिगाड़ सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां जनता पारंपरिक दलों से असंतुष्ट रही है।

पटना विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक नवल किशोर चौधरी के अनुसार, “इस बार दोनों गठबंधनों में टक्कर कांटे की है, लेकिन जन सुराज पार्टी कुछ उम्मीदवारों की जीत या हार तय कर सकती है।” उन्होंने कहा कि JSP किन-किन सीटों पर किसके खिलाफ असर डालेगी, यह उनके प्रत्याशियों की पहली सूची से स्पष्ट होगा, जो 9 अक्टूबर को जारी की जानी है।

राजनीतिक हलकों में चर्चा इस बात की भी है कि क्या नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे। वे 2015 और 2020 में वैशाली जिले की राघोपुर सीट से जीते थे, लेकिन अब उनके फूलपरास (मधुबनी) से भी चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। फूलपरास में यादव और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जबकि पिछली बार यहां जेडीयू की शीला कुमारी ने कांग्रेस उम्मीदवार को लगभग 10 हजार वोटों से हराया था।

2020 के चुनाव में बीजेपी ने सहारसा, दरभंगा, बेगूसराय, पटना साहिब, बांकिपुर जैसी सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि जेडीयू के खाते में नालंदा, हर्नौत, तारापुर, और वैषाली जैसी सीटें आई थीं। दूसरी ओर, आरजेडी ने हथुआ, मधेपुरा, सिमरी-बख्तियारपुर, राघोपुर और मोकाामा जैसी सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने मुजफ्फरपुर और बक्सर जैसी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया था।

वामपंथी दलों ने भी पिछली बार असर दिखाया था जहां CPI (एम-एल) ने 12 सीटें जीती थीं, जबकि CPI और CPM  को दो-दो सीटें मिली थीं। कुल मिलाकर आरजेडी ने 75, बीजेपी ने 74, जेडीयू ने 43 और कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं।

आगामी चुनाव दो चरणों में होंगे 6 और 11 नवंबर को। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनावी माहौल अब धीरे-धीरे गर्म हो रहा है। एनडीए नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की जोड़ी बताकर वोट मांग रहा है, जबकि महागठबंधन बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार और शासन की नाकामियों को मुद्दा बना रहा है। वहीं, जन सुराज पार्टी जैसे नए दल तीसरे विकल्प के रूप में जनता के बीच जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

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