Bihar: चुनावी तपिश से पिघली रिश्तों पर जमी बर्फ, देर रात लालू-तेजस्वी से मिले पप्पू यादव, जानें क्या हुई बात

pappu and lalu yadav
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अंकित सिंह । Mar 20 2024 12:54PM

कभी पप्पू यादव लालू यादव और उनके परिवार के बेहद करीबी थे। हालांकि, बाद में रिश्तों में बड़ी दरार देखने को मिली। जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और पार्टी नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात पर कहा कि लालू यादव और मेरे बीच राजनीतिक रिश्ता नहीं है, यह पूरी तरह से भावनात्मक रिश्ता है।

पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव के बहुप्रतीक्षित लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इंडिया ब्लॉक में शामिल होने की संभावना है। पप्पू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू यादव और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी से मुलाकात की। यादव पटना में हैं और उनके मधेपुरा निर्वाचन क्षेत्र से राजद के टिकट पर आगामी चुनाव लड़ने की संभावना है। इसके अलावा पूर्णिया से भी उनका नाम चर्चा में है। लालू यादव और तेजस्वी से मुलाकात के बाद पप्पू यादव और लालू परिवार के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ पिघली दिखाई दे रही है। 

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कभी पप्पू यादव लालू यादव और उनके परिवार के बेहद करीबी थे। हालांकि, बाद में रिश्तों में बड़ी दरार देखने को मिली। जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और पार्टी नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात पर कहा कि लालू यादव और मेरे बीच राजनीतिक रिश्ता नहीं है, यह पूरी तरह से भावनात्मक रिश्ता है। कल हम सब एक साथ बैठे थे। हमारी कोशिश किसी भी कीमत पर सीमांचल और मिथिलांचल में बीजेपी को रोकने की है। तेजस्वी यादव ने 17 महीने काम किया और विश्वास बनाया, राहुल गांधी ने दिल जीता और लोगों में उम्मीद जगाई। 

यादव ने आगे कहा कि हम मिलकर न सिर्फ 2024 (लोकसभा चुनाव) बल्कि 2025 (बिहार विधानसभा चुनाव) भी जीतेंगे। पूर्णिया मायने नहीं रखता, मायने रखता है भाजपा को रोकना और कमजोर वर्गों की पहचान और विचारधारा की रक्षा करना। हम कांग्रेस नेतृत्व के साथ मिलकर लड़ेंगे। जिसने इस देश का दिल जीत लिया वही इस देश का पीएम बनेगा। पप्पू यादव का लक्ष्य पूर्णिया से चुनाव लड़ने का है और वह लगातार इस सीट पर अपना दावा जता रहे हैं. नतीजतन, ऐसी अटकलें हैं कि पप्पू यादव महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं और पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं।

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कौन हैं पप्पू यादव?

- राजेश रंजन, जिन्हें पप्पू यादव के नाम से जाना जाता है, बिहार के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं। वह कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के दौरान आम लोगों की मदद करने के अपने प्रयासों को लेकर सुर्खियों में रहे थे।

- उनके मजबूत राजनीतिक प्रभाव और वर्षों से विभिन्न विवादों में शामिल रहने के कारण उन्हें अक्सर "बिहार का बाहुबली" कहा जाता है।

- वह अपने मजबूत जमीनी स्तर से जुड़ाव और विशेष रूप से बिहार में समाज के कुछ वर्गों के बीच समर्थन जुटाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। हालाँकि, उनकी विवादास्पद पृष्ठभूमि के कारण आलोचना और जाँच भी हुई।

- एक समय में पप्पू यादव को लालू यादव का सबसे करीबी सहयोगी माना जाता था। ऐसी भी अटकलें थीं कि वह लालू यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी बन सकते हैं। वह दो बार लालू यादव की पार्टी से सांसद चुने गए, लेकिन उसी राजद ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया।

- पप्पू यादव अपने पूरे राजनीतिक करियर में कई विवादों में रहे हैं। उन पर हत्या और अपहरण समेत आपराधिक गतिविधियों के आरोप लगे हैं। उन पर चुनाव को प्रभावित करने के लिए बाहुबल का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया गया है। 

- 1998 में, पप्पू यादव पर सीपीआईएम नेता अजीत सरकार की हत्या का आरोप लगाया गया था, और उन्हें 1999 में गिरफ्तार कर लिया गया था। सिक्किम की बेउर जेल में रहने के दौरान, पप्पू यादव के पक्षपात की अफवाहें सामने आईं, जिसके कारण उन्हें तिहाड़ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद फरवरी 2008 में एक विशेष सीबीआई अदालत ने पप्पू यादव और दो अन्य को सीपीआईएम नेता की हत्या के लिए दोषी ठहराया। हालाँकि, मई 2013 में, पटना उच्च न्यायालय ने अपर्याप्त सबूत का हवाला देते हुए पप्पू यादव को जेल से रिहा करने का आदेश दिया।

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