Chhattisgarh Vidhansabha में पूर्व विधायकों का पेंशन, यात्रा भत्ता बढ़ाने संबंधित विधेयक पेश
चौबे ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि विधेयक अगले कुछ दिनों में सदन में पारित हो जाएगा। विधानसभा में पेश किए गए विधेयक में पूर्व विधायकों की पेंशन 35 हजार रुपए से बढ़ाकर 58,300 रुपए करने का प्रस्ताव है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य सरकार ने सोमवार को एक संशोधन विधेयक पेश किया जिसमें राज्य के पूर्व विधायकों के पेंशन और यात्रा भत्ते में वृद्धि का प्रस्ताव है। विधानसभा में आज संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन, भत्ता, पेंशन (संशोधन) विधेयक पेश किया। चौबे ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि विधेयक अगले कुछ दिनों में सदन में पारित हो जाएगा। विधानसभा में पेश किए गए विधेयक में पूर्व विधायकों की पेंशन 35 हजार रुपए से बढ़ाकर 58,300 रुपए करने का प्रस्ताव है।
विधेयक के अनुसार पूर्व विधायक सदस्यता के अपने पहले कार्यकाल (पांच साल से अधिक कार्यकाल) के बाद हर एक वर्ष के लिए प्रति माह एक हजार रुपए की अतिरिक्त पेंशन पाने का भी हकदार होगा। विधेयक में कहा गया है कि प्रत्येक मौजूदा सदस्य रेलवे/हवाई यात्रा के लिए मौजूदा आठ लाख रुपये प्रति वर्ष के बजाय 10 लाख रुपये प्रति वर्ष का भत्ता पाने का हकदार होगा। वहीं पूर्व विधायकों के लिए यह भत्ता चार लाख रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर पांच लाख रुपये प्रति वर्ष किया जाएगा।
इसके अलावा पूर्व विधायक क्रमश: 10 हजार रुपये और 15 हजार रुपये का टेलीफोन भत्ता और अर्दली भत्ता पाने के हकदार होंगे। अधिकारियों ने बताया पहले पूर्व सदस्यों के लिए टेलीफोन और अर्दली भत्ते का कोई प्रावधान नहीं था। उन्होंने कहा कि पेंशन और भत्तों में वृद्धि से राज्य के खजाने पर लगभग 16.96 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक बोझ पड़ने की संभावना है। विधानसभा में पिछले वर्ष जुलाई माह में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में वृद्धि के लिए विधेयक पारित किया था, जिससे राज्य के खजाने पर 6.81 करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ पड़ा था। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सदस्य हैं।
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