मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 2025-26 तक बढ़ाने को मंजूरी दी

Anurag Thakur
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने की बुधवार को मंजूरी दे दी जिसपर 5,911 करोड़ रूपया खर्च होगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी।

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने की बुधवार को मंजूरी दे दी जिसपर 5,911 करोड़ रूपया खर्च होगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी। ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में केंद्र प्रायोजित पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि इस योजना पर 2025-26 तक 5,911 करोड़ रूपया खर्च होगा। इसमें केंद्र का हिस्सा 3,700 करोड़ रूपये और राज्य की हिस्सेदारी 2,211 करोड़ रूपये होगी।

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सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बताया कि इसके माध्यम से 2.78 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों को सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को पूरा करने में मदद मिलेगी। ठाकुर ने बताया कि पहले इस योजना के तहत 1.36 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया गया और आगे 1.65 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया जायेगा। मंत्री ने बताया कि पूर्व की तुलना में इस योजना में 60 प्रतिशत राशि की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि इससे शहरों एवं गांवों की खाई को पाटने में मदद मिलेगी। इसके तहत राष्ट्रीय महत्व के विषयों...गरीबी मुक्त और आजीविका के संसाधनों में वृद्धि वाले गांव, स्वस्थ गांव, बच्चों के अनुकूल गांव, जल की पर्याप्त मात्रा वाले गांव, स्वच्छ और हरित गांव, गांव में आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, सुशासन वाला गांव और गांव में महिला-पुरुष समानता आधारित विकास को मुख्य रूप से प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि देश भर में पारंपरिक निकायों सहित ग्रामीण स्थानीय निकायों के लगभग 60 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि, पदाधिकारी और अन्य हितधारक इस योजना के प्रत्यक्ष लाभार्थी होंगे।

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इस योजना में राष्ट्रीय तकनीकी सहायता योजना, ई-पंचायत पर मिशन आधारित परियोजना, पंचायतों को प्रोत्साहन, अनुसंधान और मीडिया जैसे राष्ट्रीय स्तर के क्रियाकलाप शामिल हैं। इसके अलावा योजना के तहत पंचायती राज संस्थानों का क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण एवं संस्थागत समर्थन, दूरस्थ शिक्षा सुविधा, ग्राम पंचायत भवन के निर्माण के लिए समर्थन, पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्राम पंचायत के लिए कंप्यूटर, ग्राम सभाओं को मजबूत बनाना आदि शामिल है। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 21 अप्रैल 2018 को केंद्र प्रायोजित योजना- राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दी गई थी।

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