Guwahati lake के आसपास अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान शुरू

Guwahati lake
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए अभियान के वास्ते 1,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

गुवाहाटी में सिलसाको बील के किनारे लगभग 400 बीघा (132 एकड़ से अधिक) भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान सोमवार को शुरू हुआ। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए अभियान के वास्ते 1,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इस अभियान की वजह से लगभग 300 परिवार प्रभावित हुए हैं, जिनमें से अधिकतर असमिया और बोडो परिवार है। इस अभियान के दौरान कोई महत्वपूर्ण प्रतिरोध नहीं देखा गया, क्योंकि लोगों ने अभियान शुरू होने से पहले ही अपने घर अपने सामान के साथ खाली कर दिये।

रंजू बासुमतारी ने सिसकते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से अभियान को एक महीने के लिए स्थगित करने का आग्रह किया, क्योंकि उसका बेटा इस साल मैट्रिक की परीक्षा दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभियान को एक महीने के लिए टालने की गुहार लगाती हूं, ताकि मेरे बेटे का भविष्य प्रभावित न हो।’’ फर्नीचर एक वैन में लादने में मदद कर रही मारामी कलिता ने कहा, ‘‘यह देखकर बड़ा दुख होता है कि जिस घर को मैंने इतने प्यार के साथ बनाया था, वह मलबे में तब्दील हो गया है।’’

अधिकारियों ने कहा कि अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत लगभग 450 ढांचों को गिराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन ढांचों में 300 मकान शामिल हैं, जबकि बाकी गोदाम जैसी वाणिज्यिक इकाइयां हैं। अधिकारियों ने कहा कि मौके पर पांच उत्खनन मशीन लगायी गई हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह का अभियान पहले भी चलाया गया था, लेकिन अतिक्रमण करने वाले वापस लौट आये। इस बार यह अभियान कामरूप जिला प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा है। इससे पहले गुवाहाटी महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा क्षेत्र को चिह्नित किया गया था। सरकार ने 2008 में हेंगरबाड़ी और चॉय माइल के पास स्थित झील को एक संरक्षित जलाशय घोषित किया था और क्षेत्र के लगभग 1,800 बीघा (595 एकड़ से अधिक) में किसी भी निर्माण या बसने पर रोक लगा दी थी।

जीएमडीए अध्यक्ष नारायण डेका ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हालांकि, वर्षों से बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो रहा है। अब हमारे पास झील की 300 बीघा से भी कम भूमि अतिक्रमण से मुक्त है। बाकी का अतिक्रमण कर लिया गया है और उस पर इमारतों का निर्माण कर दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि अतिक्रमण के कारण जलाशय एक छोटे से गड्ढे में तब्दील हो गया है और यह मानसून के दौरान गुवाहाटी शहर के पूर्वी हिस्से में जल जमाव का एक मुख्य कारण है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़