केंद्र ने नहीं, दिल्ली सरकार ने दी पेड़ काटने की अनुमति: हर्षवर्धन

नयी दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने दक्षिणी दिल्ली की सात कोलोनियों की पुनर्विकास योजना में पेड़ काटने की अनुमति केंद्र सरकार द्वारा देने के आप के आरोप को ग़लत बताते हुए कहा है कि पेड़ काटने की मंज़ूरी दिल्ली सरकार ने दी है। हर्षवर्धन ने आज एक बयान में कहा कि पेड़ काटने की मंज़ूरी देने से पहले ना तो दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से कोई पूर्व अनुमति ली और ना ही क़ानून के तहत ऐसी कोई अनुमति लेने की राज्य सरकार की बाध्यता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि परियोजना में पेड़ काटने की करवाई दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत दिल्ली सरकार के सम्बंधित अधिकारियों की अनुमति से हुई है।
उल्लेखनीय है कि आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आज इस परियोजना में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पेड़ काटने की अनुमति देने सम्बंधी दस्तावेज़ पेश करते हुए हर्षवर्धन पर इस बारे में ग़लत जनकारी दे कर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। इसके जवाब में हर्षवर्धन ने सफ़ाई देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की पर्यावरण मंज़ूरी एक पेड़ काटने के एवज में 10 पेड़ लगाने की स्पष्ट शर्त के साथ दी गई थी। हालाँकि सामान्य तौर पर एक पेड़ काटने पर तीन पेड़ लगाने की बाध्यता होती है। उन्होंने कहा कि पेड़ काटने की अनुमति देना और इसकी शर्तों का पालन सुनिश्चत करना पूरी तरह से राज्य सरकार का क्षेत्राधिकार है।
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