मिंटो हॉल का बदला नाम, कुशाभाऊ ठाकरे के नाम से जाना जाएगा ये हॉल
भोपाल के नवाब सुल्तानजहां बेगम ने एक हॉल बनवाने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि इसकी नींव 12 नवंबर 1909 को वायसराय लॉर्ड मिंटो ने रखी थी। इस इमारत को बनने में करीब 25 साल लग गए, जिसे पूरा बेगम के बेटे नवाब हमीदुल्ला खान ने पूरा करवाया था।
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में नाम बदलने का खेल जारी है। राजधानी भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति के नाम पर करने के बाद मिंटो हॉल का नाम भी बदल गया है। मिंटो हॉल बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे के नाम से जाना जाएगा। शुक्रवार को बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका ऐलान किया।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नाम बदलने के बाद कहा कि ये मिट्टी अपनी, ये देश अपना, ये लोग अपने, ये मजदूर अपने और नाम विदेशी। ये इस देश में अब नहीं चलेगा।
प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे अब मिंटो हॉल का नाम हो गया है। उसके लिए जो भी बदलना पड़ेगा बदलेंगे। ठाकरे जी के रंग रूप और स्वभाव के अनुसार मिंटो हॉल को बदला जाएगा।
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आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की पहली विधानसभा रही मिंटो हॉल इमारत को अंग्रेजों को समय में तैयार किया था।भारत के तात्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो भोपाल के दौरे के दौरान उन्हें राजभवन में रुकवाया गया। लेकिन उन्हें यहां की व्यवस्थाएं ठीक नहीं लगी और वह इस बात से नाराज हो गए थे।
जिसके बाद भोपाल के नवाब सुल्तानजहां बेगम ने एक हॉल बनवाने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि इसकी नींव 12 नवंबर 1909 को वायसराय लॉर्ड मिंटो ने रखी थी। इस इमारत को बनने में करीब 25 साल लग गए, जिसे पूरा बेगम के बेटे नवाब हमीदुल्ला खान ने पूरा करवाया था।
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दरअसल भोपाल की ये भव्य इमारत तैयार हुई जिसका नाम वायसराय लॉर्ड मिंटो के नाम पर रखा गया था। तब से ये मिंटो हॉल के नाम से जानी जाती है। हालांकि मुख्यमंत्री के ऐलान के बाद अब ये कुशाभाऊ ठाकरे के नाम से जाना जाएगा।
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