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चरित्र शंका में पत्नी की चाकू मारकर हत्या, खुद भी किया आत्महत्या का प्रयास
- दिनेश शुक्ल
- नवंबर 26, 2020 18:01
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पुलिस के अनुसार, ग्राम टाकली मोरी निवासी रियाज शाह और उसकी पत्नी 34 वर्षीय जमीला बी के बीत बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात 12 बजे के करीब विवाद हुआ। इसके बाद रियाज ने चाकू से जमीला पर हमला कर दिया और उसे तब तक चाकू मारता रहा, तब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई।
खंडवा।मध्य प्रदेश में खंडवा जिले के पंधाना थाना क्षेत्र की बोरगांव पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम टाकली मोरी में एक व्यक्ति ने बीती देर रात चरित्र शंका को लेकर अपनी पत्नी की चाकू मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने स्वयं के गले पर चाकू से वार कर आत्महत्या का प्रयास किया। ग्रामीणों की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को जांच में लिया है। बताया जा रहा है कि घटनास्थल पर उनकी आ
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पुलिस के अनुसार, ग्राम टाकली मोरी निवासी रियाज शाह और उसकी पत्नी 34 वर्षीय जमीला बी के बीत बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात 12 बजे के करीब विवाद हुआ। इसके बाद रियाज ने चाकू से जमीला पर हमला कर दिया और उसे तब तक चाकू मारता रहा, तब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। इसके बाद उसने स्वयं भी आत्महत्या करने के इरादे से अपने गले पर चाकू से वार कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के समय उनकी आठ साल की बेटी मौके पर मौजूद थी। चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
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पंधाना थाना के बोरगांव चौकी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा की कार्रवाई कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घायल रियाज को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका उपचार जारी है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच में जुटी है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि रियाज अपनी पत्नी जमीला पर चरित्र शंका करता था। इस बात को लेकर उनके बीच अकसर विवाद होता रहा था। बीती रात भी इसी बात को लेकर विवाद हुआ था।
असम की राजनीति में चाय बागान का खास योगदान, भाजपा और कांग्रेस मजदूरों को लुभाने में जुटे
- अनुराग गुप्ता
- मार्च 9, 2021 14:40
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चीन के बाद दुनिया को चाय की आपूर्ति असम ही करता है। ऐसे में यहां लगभग हर पांच लोगों में एक लोग चाय के क्षेत्र में काम करते हैं। ऐसे में राजनीतिक दल चाय बागानों से जुड़े हुए मजदूरों को लुभाने में जुटे हुए हैं।
गुवाहाटी। देश का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य असम में तीन चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा अपनी सरकार फिर से बनाने की तो कांग्रेस सत्ता में आने कवायद में जुटी हुई हैं। तभी तो उत्तर प्रदेश को छोड़कर अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा असम में पार्टी को मजबूत कर रही हैं। उन्होंने तरूण गोगोई की राह को पकड़ते हुए चाय बागान पर ध्यान देना शुरू किया है।
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चीन के बाद दुनिया को चाय की आपूर्ति असम ही करता है। ऐसे में यहां लगभग हर पांच लोगों में एक लोग चाय के क्षेत्र में काम करते हैं। ऐसे में राजनीतिक दल चाय बागानों से जुड़े हुए मजदूरों को लुभाने में जुटे हुए हैं। तभी तो गांधी परिवार के वारिस असम में आजकल दिखाई दे रहे हैं। प्रियंका गांधी की महिला मजदूरों के साथ तस्वीरें सामने आ रही हैं। यहां पर उन्होंने महिला मजदूरों की तरह चाय की पत्तियां तोड़ी।
वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों की न्यूनतम दिहाड़ी का मुद्दा उठाया तो भाजपा ने तुरंत इसे लपक लिया और प्रदेश सरकार ने दिहाड़ी बढ़ाकर 318 रुपए करने का ऐलान कर दिया। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो यहां तक कहा कि हम चाय को उसके सही मुकाम तक पहुंचाएंगे। चुनाव में चाय बागान के मजदूरों का मुद्दा हमेशा से अहम रहा है। क्योंकि यहां की करीब 30 विधानसभा सीटों पर चाय बागान के मजदूर ही उम्मीदवारों की जीत या हार तय करते आए हैं।
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तरूण गोगोई ने लगाई थी हैट्रिक
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत नेता तरुण गोगोई ने असम में जीत की हैट्रिक लगाई है। दरअसल, साल 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ माहौल देखने को मिल रहा था लेकिन चाय बागानों के मजदूरों ने तरुण गोगोई पर भरोसा जताया था और उन्हें तीसरी बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था। इतना ही नहीं चाय बागान वाले इलाकों की ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस का ही कब्जा था। मगर फिर गोगोई का जो कुली, बंगाली और अली वाला वोटबैंक था वह धीरे-धीरे खिसकने लगा और साल 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने चाय बागानों को मुद्दा बनाया और उनके लिए कई सारी घोषणाएं की। जिसका नतीजा है कि भाजपा ने 15 साल से सत्ता में विराजमान तरुण गोगोई सरकार को उखाड़ फेंका।
चाय बागान का महत्व जानती है कांग्रेस
देश की सबसे पुरानी पार्टी असम में चाय बागानों के मजदूरों की महत्वता को समझती है। तभी तो प्रियंका गांधी ने तेजपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए वादे नहीं किए बल्कि वहां की जनता को गारंटी दी। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनती है तो चाय बागान के मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ाकर 365 रुपए कर दी जाएगी। इस गारंटी के साथ ही उन्होंने कुल पांच गारंटी दी। जिनमें नागरिकता संशोधन कानून को निरस्त करना, 200 यूनिट तक बिजली बिल मुफ्त, गृहिणी सम्मान योजना और 5 लाख सरकारी नौकरियां देने की गारंटी शामिल है।
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भाजपा की राह में रोड़े !
चाय बागान के मजदूरों को लुभाने में तो राजनीतिक दल लगे हुए हैं लेकिन वहां की जनता असल में क्या चाहती है ? यह जानना भी जरूरी है। इस प्रश्न का जवाब हमें टाइम्स नाउ के सर्वे में मिला। टाइम्स नाउ और सी वोटर द्वारा कराए गए साझा सर्वे में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए में जबरदस्त मुकाबला होने वाला है। प्रदेश की 126 विधानसभा सीटों में से भाजपा प्लस को 67 जबकि कांग्रेस प्लस को 57 सीटें मिल सकती हैं। वहीं 2 सीटें अन्य के खाते में भी जाती हुई दिखाई दे रही हैं।
साल 2011 में तरुण गोगोई तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे लेकिन 2016 के चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा को 86 सीटें मिली थीं। जबकि कांग्रेस के खाते में महज 26 सीटें ही आई थी। अब इस बार देखना होगा कि क्या सर्वे के नतीजे चुनावी नतीजों में तब्दील होते हैं या फिर प्रदेश की जनता का मन इसके उलट रहता है।
कोविड-19 का टीका मुफ्त में दिया जाएगा, आप सरकार ने वैक्सीन के लिए दिए 50 करोड़
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 9, 2021 14:32
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दिल्ली सरकार के अस्पतालों में मुफ्त कोविड-19 टीके के लिए बजट में 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।मंत्री ने कहा कि आम आदमी निशशुल्क कोविड वैक्सीन योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार के अस्पतालों में आगामी चरणों में भी लोगों को कोविड-19 का टीका मुफ्त में दिया जाएगा और इसके लिए वार्षिक बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 69,000 करोड़ रुपये का बजट पेश करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 9,934 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि आम आदमी निशशुल्क कोविड वैक्सीन योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बिहार में अपराध की गुत्थी सुलझाएंगे पबजी और सिंबा!
- अभिनय आकाश
- मार्च 9, 2021 13:33
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बिहार पुलिस में जल्द ही दो दर्जन से ज्यादा स्निपर डॉग शामिल होंगे जो उसकी सुरक्षा और जांच की प्रक्रिया को और मजबूत बनाएंगे। बिहार पुलिस के अधिकारी के अनुसार जर्मन शेफर्ड , बेल्जियम शेफर्ड और लैब्राडोर हैदराबाद में अभी ट्रेनिंग ले रहे हैं।
अगर मैं आपसे कहूं कि बिहार पुलिस में शामिल होकर अपराध की गुत्थी सुलझाएगा पबजी और सिंबा तो आप चौंक जाएंगे। लेकिन अगर आपको लगे कि हम किसी मोबाइल गेम या फिल्मी कैरेक्टर की बात कर रहे हैं तो आपको बता दें कि हम स्नाइपर डॉग्स की बात कर रहे हैं। दरअसल, बिहार पुलिस में जल्द ही दो दर्जन से ज्यादा स्निपर डॉग शामिल होंगे जो उसकी सुरक्षा और जांच की प्रक्रिया को और मजबूत बनाएंगे। बिहार पुलिस के अधिकारी के अनुसार जर्मन शेफर्ड , बेल्जियम शेफर्ड और लैब्राडोर हैदराबाद में अभी ट्रेनिंग ले रहे हैं।
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बीएमपी-5 में डॉग शो
इन कुत्तों के नाम पबजी, तेजा, ड्यूक, सिंबा और शेरू हैं। जल्द ही पटना के बीएमपी पांच मैदान में स्नाइपर कुत्तों से संबंधित एक कार्यक्रम का आयोजन होगा। जिसमें पुराने और नए कुत्तों का कौशल दिखाया जाएगा। सूंघने की क्षमता के अलावा भी इनमें कई खासियतें होती हैं।
नारकोटिक्स और बम ट्रैकिंग में प्रशिक्षित
डॉग स्क्वॉयड में शामिल सभी कुत्तों को नारकोटिक्स और बम ट्रैकिंग आदि का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू करने में भी इनकी मदद ली जाएगी, लैंड माइंस की पहचान में भी ये प्रशिक्षित कुत्तें माहिर होते हैं।

