मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में समीक्षा बैठक के दौरान कहा प्रवासी मजदूरों को मजदूरी व अन्य कार्य दिलाए जाएंगे

migrant laborers
Dinesh shukla । May 20 2020 11:41PM

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी प्रवासी मजदूरों का पंजीयन किया जाए जिससे उनके जॉब कार्ड बनवाए जाकर उन्हें मनरेगा के अंतर्गत कार्य दिया जा सके। पंजीयन में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि मजदूर कुशल है, अकुशल है, अथवा अर्द्धकुशल है। उनकी कुशलता के आधार पर उनको विभिन्न उद्योगों एवं अन्य कार्यों में नियोजित किया जाएगा।

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी प्रवासी मजदूरों को मजदूरी व अन्य कार्य दिलाए जाएंगे। मंत्रालय में अधिकारीयों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी प्रवासी मजदूरों का पंजीयन किया जाए जिससे उनके जॉब कार्ड बनवाए जाकर उन्हें मनरेगा के अंतर्गत कार्य दिया जा सके। पंजीयन में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि मजदूर कुशल है, अकुशल है, अथवा अर्द्धकुशल है। उनकी कुशलता के आधार पर उनको विभिन्न उद्योगों एवं अन्य कार्यों में नियोजित किया जाएगा। हर मजदूर को उसकी योग्यता के अनुरूप कार्य दिया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, एसीएस हैल्थ मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे। 

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इस मौके पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमित क्षेत्रों की संख्या में कमी आयी है। अब ये क्षेत्र 701 हो गए हैं। प्रदेश के कुल 10 जिले संक्रमण मुक्त हैं, जिसमें कटनी, नरसिंहपुर तथा बालाघाट में कोरोना का अभी तक कोई भी प्रकरण नहीं आया है। वहीं सात जिले आगर-मालवा, अलीराजपुर, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, हरदा, शहडोल तथा शाजापुर हैं जहाँ कोरोना प्रकरण थे परंतु अब वे संक्रमण मुक्त हो गए हैं। खरगौन जिले की समीक्षा के दौरान बताया गया कि पहले खरगौन जिला रेड जोन में था, अब ग्रीन जोन में आ गया है। जिले में कोरोना के 114 मरीज थे, जिनमें से 87 डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि आगे भी पूरी सावधानी रखी जाए, जिससे संक्रमण फैले नहीं।

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प्रदेश में गेहूँ उपार्जन की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि हर जिले में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र किसान अपना गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचने से वंचित न रहे, साथ ही कोई भी दीगर व्यक्ति समर्थन मूल्य पर गेहूँ न बेच पाए। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 13 लाख 60 हजार किसानों से 98 लाख 14 हजार मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जित किया जा चुका है। उपार्जित गेहूँ में से 83 लाख 32 हजार मीट्रिक टन लगभग 85 प्रतिशत का परिवहन एवं भंडारण किया जा चुका है। साथ ही 10 लाख 8 हजार किसानों को 11 हजार 500 करोड़ रूपए का भुगतान भी कर दिया गया है। बताया गया कि 22 मई को मुख्यमंत्री चौहान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सरपंचों से संवाद करेंगे। अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि इस अवसर पर श्रमिक भी उपस्थित रहेंगे जिन्हें मनरेगा के लिए जॉब कार्ड का वितरण किया जाएगा।

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