उत्तराखंड: यूनिफार्म सिविल कोड पर कमेटी गठित, CM धामी बोले- ड्राफ्ट तैयार होने के बाद करेंगे लागू
मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का फैसला लिया था। चुनाव के वक्त भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में इस बात का भी जिक्र किया था। इस कमेटी के गठन के साथ ही उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया जहां यूसीसी पर काम शुरू हो चुका है।
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी में 5 लोगों को शामिल किया गया है। कमेटी के गठन के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ड्राफ्ट तैयार होने के बाद इसे राज्य में लागू किया जाएगा। आपको बता दें कि दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का फैसला लिया था। चुनाव के वक्त भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में इस बात का भी जिक्र किया था। इस कमेटी के गठन के साथ ही उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया जहां यूसीसी पर काम शुरू हो चुका है।
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इस कमेटी का गठन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में की गई है। इसमें पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रमोद कोहली, मनु गौर और दून विश्वविद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल को भी शामिल किया गया है। जानकारी के मुताबिक किए कमेटी जल्द ही ड्राफ्ट रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने समान नागरिक संहिता प्रारूप समिति के गठन पर 5 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। चुनाव से पहले हमने संकल्प लिया था और चुनाव के बाद पहली मंत्री मंडल की बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया था कि हम उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाएंगे। उन्होंने कहा कि अब कमेटी जल्द ही ड्राफ्ट तैयार करेगी और ड्राफ्ट तैयार होने के बाद हम उसे लागू करेंगे।
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केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि रोहिंग्या की समस्या किसी से छिपी नहीं है,इस समय कई जगह पर पहचान हुई और कई लोगों के पास एड्रेस प्रूफ नहीं था इसलिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जो समान नागरिक संहिता की बात कही है वो बिल्कुल ठीक है और इसके लिए हाई पावर कमेटी का गठन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने भी इसे स्वीकार कर लिया है और अन्य राज्य के सरकारों ने भी इस पर सहमति जताई है क्योंकि ये समस्या अकेले उत्तराखंड का नहीं है बल्कि कई जगहों की समस्या है।
हमने समान नागरिक संहिता प्रारूप समिति के गठन पर 5 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। चुनाव से पहले हमने संकल्प लिया था और चुनाव के बाद पहली मंत्री मंडल की बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया था कि हम उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाएंगे:उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,चंपावत pic.twitter.com/CeV5B3rAXG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 27, 2022
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