Prabhasakshi Newsroom। मैडम मैं इस्तीफा देता हूं... लल्लू और गोदियाल के बाद सिद्धू ने भी छोड़ी कप्तानी
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि अजय कुमार लल्लू, गणेश गोदियाल, नवजोत सिंह सिद्धू, गिरीश चोडानकर और एन लोकेन सिंह से इस्तीफा देने को कहा गया है। सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा है।
हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पांचों राज्यों के प्रदेशाध्यक्षों से इस्तीफा देने को कहा था। जिसके बाद उत्तराखंड कांग्रेस प्रमुख गणेश गोदियाल, उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय कुमार लल्लू और पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना इस्तीफा दे दिया है।
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नवजोत सिंह सिद्धू को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था और वह इस पद पर 8 महीने तक रहे। लेकिन पार्टी की करारी शिकस्त के बाद उनसे भी इस्तीफा ले लिया गया। चुनाव से पहले कांग्रेस नेतृत्व में नवजोत सिंह सिद्धू पर सबसे ज्यादा भरोसा भी जताया था और उनकी रणनीतियों के तहत पार्टी आगे बढ़ी थी फिर भी कुछ नहीं कर पाई। इतना ही नहीं वो भी चुनाव हार गए।
कांग्रेस कमेटियों का होगा पुनर्गठन
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि अजय कुमार लल्लू, गणेश गोदियाल, नवजोत सिंह सिद्धू, गिरीश चोडानकर और एन लोकेन सिंह से इस्तीफा देने को कहा गया है। सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा है ताकि प्रदेश कांग्रेस कमेटियों का पुनर्गठन किया जा सके।
पांचों राज्यों में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही कद्दावर नेता भी अपनी सीट नहीं बना पाए। जिनमें पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, वरिष्ठ नेता हरीश रावत समेत इत्यादि शामिल हैं।
हार के बाद कांग्रेस में रार
कांग्रेस अध्यक्षा ने जवाबदेही तय करने को लेकर पहला प्रयास किया वो भी तब जब जी-23 के नेता बुधवार को एक बैठक करने वाले हैं, जिसमें वो भविष्य का फैसला करेंगे। आपको बता दें कि सोनिया गांधी के फैसले को जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करने के लिए उठाए गए कदम को औपचारिकता मात्र के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि पांचों राज्यों के महासचिवों और प्रभारियों से इस्तीफा नहीं मांगा गया और अगर ऐसा होता तो प्रियंका गांधी से भी इस्तीफा मांगा जाता जो उत्तर प्रदेश पार्टी प्रभारी और महासचिव हैं।
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सिब्बल ने उठाए थे गंभीर सवाल
कपिल सिब्बल ने कांग्रेस नेतृत्व पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा था कि कुछ लोगों की नहीं सब की कांग्रेस हो। इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल कोई कांग्रेस संस्कृति के व्यक्ति नहीं हैं। उनसे मैं यह उम्मीद नहीं करता था। जिस प्रकार की वह बोल रहे हैं, जिस प्रकार की उनकी सोच है, मैं समझता हूं कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
अशोक गहलोत ने कहा कि अगर कांग्रेस को एकजुट रखना है, तो वह गांधी परिवार के नेतृत्व में ही एकजुट रह सकती है। उनके प्रति यह विश्वास, यह क्रेडिबिलिटी (साख) बनी हुई है, इसलिए आज हर कांग्रेसजन उनके साथ है। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल कोई कांग्रेस संस्कृति के व्यक्ति नहीं हैं। वह बहुत बड़े वकील हैं। उनको सोनिया गांधी के आशीर्वाद और राहुल गांधी के सहयोग से बहुत मौके मिले हैं। वे पार्टी के प्रवक्ता भी रहे हैं और उनके मुंह से ऐसे अल्फाज़ निकलना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
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