कठिन समय में कांग्रेस कर रही बसों की राजनीति, उप मुख्यमंत्री बोले- क्या खराब बसों को चलाकर खतरे में डाल दें जिंदगी ?

dinesh sharma

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि पहले उन्होंने बसों की सूची दी, ये बसें राजस्थान सरकार की थीं, इनमें से करीब आधी 460 बसें फर्जी पायी गयीं, करीब 297 बसें कबाड़ मिलीं जो सड़कों पर चलने लायक नहीं थीं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बुधवार को आरोप लगाया कि इस कठिन समय में कांग्रेस जिस तरह की राजनीति कर रही है, ऐसा कभी किसी बड़े राजनीतिक दल ने नहीं किया। लोकभवन में पत्रकारों से बात करते हुये शर्मा ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के पास कोई बसें नहीं हैं। यह सारी बसें राजस्थान सरकार की हैं, जब कांग्रेस द्वारा दी गयी बसों की सूची का विश्लेषण किया गया तो पाया गया कि करीब 260 बसें फर्जी हैं। ऐसे कठिन समय में किसी भी बड़े राजनीतिक दल ने ऐसी राजनीति नही की। उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने बसों की सूची दी, ये बसें राजस्थान सरकार की थीं, इनमें से करीब आधी 460 बसें फर्जी पायी गयीं, करीब 297 बसें कबाड़ मिलीं जो सड़कों पर चलने लायक नहीं थीं। क्या हम अनफिट बसों को सड़क पर चलाकर प्रवासी मजदूरों की जिंदगी खतरे में डाल दें? सूची में 98 तीन पहिया वाहन, कार और एंबुलेंस के नंबर पाये गये। जबकि 68 वाहनों के कागज सही नही पाये गये। 

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शर्मा ने सवाल उठाया कि आखिर किसी प्रदेश सरकार की संपत्ति को कोई राजनीतिक दल कैसे इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने कहा कि क्या कोई राजनीतिक दल राजस्थान राज्य सरकार की बसें अपने लिये इस्तेमाल कर सकता है? मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को याद दिलाना चाहता हूं कि वह उस समय दुखी नहीं हुए थे जब हमारे बच्चे कोचिंग केंद्र कोटा में परेशान थे, रो रहे थे। बच्चों को खाना-पानी नहीं मिल रहा था। उस समय ये बसें कहां गयी थीं? शर्मा ने कहा कि उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 600 से अधिक बसों को वहां भेजने का आदेश दिया ताकि बच्चे प्रदेश में सही-सलामत अपने घर आ सकें।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो इस समय कर रही है वह राजनीतिक स्टंट से अधिक कुछ नहीं है ताकि उसे इससे कुछ लाभ मिल सके। अगर वे वास्तव में श्रमिकों की मदद करना चाहते हैं तो उन्हें राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में बसें भेजनी चाहिए। राजस्थान सरकार पंजाब और महाराष्ट्र बसें क्यों नही भेजती है? वहां मजदूर परेशान हैं, उन्हें पर्याप्त खाना नहीं मिल रहा है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 1000 ट्रेनें आ चुकी हैं और अब तक 10 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को इन ट्रेनों की मदद से प्रदेश में वापस लाया जा चुका है। साढ़े छह लाख से अधिक मजदूर बसों से वापस आ चुके हैं, 27 हजार से अधिक बसें उप्र सरकार ने मजदूरों को लाने के लिये लगा रखी हैं। 

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उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों को धोखा दिया है और उत्तर प्रदेश सरकार को अंधेरे में रखा है। उन्हें बसों की गलत सूची भेजने और सरकार का समय बरबाद करने के लिये माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने मजदूरों की जिंदगी को खतरे में डालने की कोशिश की इसलिये उन्हें उनसे भी माफी मांगनी चाहिए। क्या परिवहन विभाग की बसें कांग्रेस की निजी संपत्ति हैं ? किसी भी राज्य की संपत्ति किसी पार्टी की संपत्ति नही होती है।

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डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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